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अगहन मास का पहला गुरुवार: मार्गशीर्ष मास का प्रथम गुरुवार क्यों है खास, कैसे करें पूजा और शुभ उपाय

अगहन मास का पहला गुरुवार: मार्गशीर्ष मास का प्रथम गुरुवार क्यों है खास, कैसे करें पूजा और शुभ उपाय - Agahan Thursday Laxmi Puja 2022
बुधवार, 9 नवंबर 2022 से अगहन मास का प्रारंभ हो गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इसे मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता है। इस बार अगहन मास के प्रथम गुरुवार (First Thursday of Agahan Maas) का पूजन बृहस्पतिवार, 10 नवंबर को किया जाएगा। अगहन माह में देवी भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अगहन मास में मां लक्ष्मी की स्थापना और पूजा की परंपरा है। मान्यता है कि तुलसी और लक्ष्मी की पूजा पूरे मार्गशीर्ष या अगहन महीने में करने या फिर इस माह के हर गुरुवार को एकसाथ करने और अन्न दान करने से लक्ष्मी खुश होती हैं तथा उनके आगमन के बाद उनका स्थायित्व बना रहता है। अत: अगहन के हर गुरुवार को लक्ष्मी की पूजा होती है। आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में- 
 
कैसे करें पूजा-Thursday Laxmi Puja 
 
- अगहन मास में कई घरों में गुरुवार के पूजा की तैयारी बुधवार शाम से ही शुरू हो जाती है। 
- मार्गशीर्ष मास के प्रथम गुरुवार के दिन हर घर में धन की देवी मां लक्ष्मी जी का पूजन-अर्चन किया जाता है। 
- इस दौरान हर घर में मां लक्ष्मी की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। 
- मां को प्रसन्न करने के लिए घर के द्वार पर दीपों से रोशनी करें तथा घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल के आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनानी चा‍हिए।
- प्रथम गुरुवार को इन अल्पनाओं में मां लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाएंगे।
- फिर माता लक्ष्मी के सिंहासन को आम, आंवला और धान की बालियों से सजा कर कलश की स्थापना करके मां लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाए। 
- मान्यतानुसार अगहन महीने के गुरुवारी पूजा में मां लक्ष्मी को प्रत्येक गुरुवार अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने से उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सायंकाल में भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा तथा इस अवसर पर आस-पड़ोस की महिलाओं, बहू-बेटियों को प्रसाद खाने के लिए विशेष रूप से निमंत्रण दिया जाता है। गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद शाम होते ही प्रसाद खाने-खिलाने का दौर शुरू हो जाता है। 
- सभी अपने-अपने तरीके से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेक जतन करेंगे ताकि अगहन मास में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो, सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहे। 
- बुधवार शाम से लेकर गुरुवार की शाम तक गुरुवारी पूजा की धूम रहेगी। इस प्रकार अगहन/मार्गशीर्ष माह में हर घर में मां लक्ष्मी की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके मां आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। 
 
शुभ उपाय- 
 
1. अगर सुहागिनें बुधवार की रात घर की साफ-सफाई करने के बाद अगहन गुरुवार को निष्ठा से लक्ष्मी की उपासना करें तो वे प्रसन्न होकर उपासक के घर स्थायी तौर पर आती हैं। 
 
2. सुहागिनों को चाहिए कि यह व्रत करने के बाद घर की लक्ष्मी को खर्च करने से परिवार के लोगों को रोक लगाए, ताकि घर में लक्ष्मी का स्थायी वास बना रहे। 
 
3. इस दिन घर के द्वार पर दीपों से रोशनी करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर शुभाशीष देती है। 
 
4. इस दिन मां लक्ष्मी जी की श्रद्धापूर्वक उपासना करने से घर में धन तथा खुशहाली आती है। 
 
5. मान्यतानुसार इस दिन लक्ष्मी और तुलसी जी की साथ में पूजा करने से घर में स्थायी लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहता है।
 
6. अगहन गुरुवार के दिन घर में माता लक्ष्मी के चरण चिह्न बनाकर पूजा करने से परिवार में खुशहाली और समृद्धि हमेशा बनी रहती है। 

 
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