सारागोता का किशोर डैविडसन फेलो बना
वाशिंगटन, डी सी। सारागोता कैलिफोर्निया के रिषभ गार्गेय को डैविडसन फेलो लॉरेट पुरस्कार के लिए नामित किया गया। उन्हें अपने स्मार्टफोन एप्प को बनाने के लिए 50 हजार डॉलर की स्कॉलरशिप दी गई है और इस एप्प के जरिए वे आंखों संबंधों मामलों का पता लगाने का काम करेंगी। उन्हें यह छात्रवृत्ति डैविडसन इंस्टीट्यूट फॉर टैलेंट डेपलपमेंट की ओर से दी गई है।
डैविडसन इंस्टीट्यूट ने वर्ष 2017 के लिए पिछले माह अपनी फेलोशिप्स घोषित की थीं। विदित हो कि 20 व्यक्तियों की सूची में छह भारतीय अमेरिकी किशोर शामिल हैं।संस्थान का लक्ष्य ऐसे युवा लोगों को प्रोत्साहन देना है जोकि अपने असाधारण काम से समाज को बहुत लाभ पहुंचा सकते हों।
संस्थान ने प्रतिभाशाली लोगों के लिए कुल 415,000 डॉलर की छात्रवृत्तियां वितरित कीं जिनमें 20 किशोर शामिल हैं। भारतीय अमेरिकी रिषभ गार्गेय उन दो छात्रों में शामिल है जिन्हें डैविडसन फेलो लॉरेट्स के लिए नामित किया गया। 18 वर्षीय गार्गेय को 50, 000 डॉलर का पुरस्कार दिया गया है।
अन्य परियोजनाओं के लिए भी छात्रवृत्ति की राशियों को बांटा गया। इस अवसर पर स्थान के संस्थापक बॉब डैविडसन ने कहा कि ' मैं प्रत्येक वर्ष फेलोज की उपलब्धियों की गहराई से आश्चर्य चकित हूं।'
गार्गेय स्टानफोर्ड यूनिवर्सिटी के आगामी फ्रेशमैन हैं जिन्होंने आर्टीफिशयल इंटेलीजेंस की मदद से एक ऐसा स्मार्टफोन एप्प बनाया है जोकि आंखों की देखरेख के लिए बुनियादी मुद्दों का पता लगाने का काम आता है। इसकी मदद से क्लीनिक्स में मरीजों की संख्या कम होगी और यूजर्स का मेडिकल बिल भी कम होगा।
25 हजार डॉलर की छात्रवृत्ति तीन अन्य भारतीय अमेरिकी किशोरों अर्जुन रमानी, मनन शाह और अरविंद श्रीधर को भी मिली है। उल्लेखनीय है कि छात्रवृत्ति के वितरण का समारोह 27 सितंबर, को वाशिंगटन डी.सी. में होगा।