शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
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Written By WD

यहां फलों की तरह लटकते हैं मोबाइल!

सिग्नल के लिए मशक्कत

यहां फलों की तरह लटकते हैं मोबाइल! -
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पिथौरागढ़। आप भी शायद शीर्षक पढ़कर चौंक जाएं, लेकिन यह सही है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले दोबांस इलाके में आकर पेड़ों पर मोबाइल लटके देखकर कोई भी हैरानी में पड़ सकता है। लेकिन गांववालों ने यह मोबाइल किसी खुशी में नहीं बल्कि सिग्नल न मिलने की मजबूरी में पेड़ों पर लटकाए हैं।

यह खबर मोदी सरकार को भी निराश कर सकती है ‍जो देश को डिजिटल बनाने के लिए करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। भारत-नेपाल- चीन सीमा के त्रिकोण पर फैले उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले के दोबांस इलाके में मोबाइल फोन का मरियल सा कनेक्शन हासिल करने के लिए गांव वालों को अपने मोबाइल फोन पेड़ों पर लटकाने को मजबूर होना पड़ता है।

इलाका इतना दुर्गम है कि मोबाइल का कनेक्शन जमीन पर टावर पकड़ता ही नहीं है। हैंडसैट को किसी ऊंचाई वाली जगह पर रखना मजबूरी है और पेड इसके लिए सबसे अच्छा स्थान हैं। सूर्य के दर्शन होते ही बेलगाडा, रीठाखाना, ईवरखोला, असुरदेव, देवपुरी, कुनकटिया जैसे गांवों के लोग पेड़ों पर अपने मोबाइल लटका देते हैं।

दिनभर के कामों के साथ के पेड़ों पर निगाह रखना इन गांव वालों की मजबूरी है और अगर फोन की घंटी बज जाए तो पेडों पर कुलांचे मारकर चढना भी पड़ता है। अगर पेड़ पर चढने में देरी हो गई तो मोबाइल की घंटी बजते बजते बंद भी हो जाती है और उन्हें हताश होकर हांफते हुए पेड से उतरना भी पड़ता है।

लोग तुड़वा चुके हैं हड्‍डियां....


उत्तराखंड में मोबाइल का प्रयोग करने वाले 64 प्रतिशत लोग हैं और उनकी संख्या करीब एक करोड़ 30 लाख के लगभग है, लेकिन सीमांत जिला होने के कारण पिथौरागढ़ को मोबाइल कनेक्टिविटी में इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कुछ गांव वालों ने मोबाइल को लटकाने और उतारने के लिए बांस के हुक बना रखे हैं। कई युवा पेड़ पर चढ़-उतरकर मोबाइल से बातें करते हैं। इसमें कई युवा अपनी हड्‍डियां भी तुड़वा चुके हैं। (एजेंसियां)