शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025
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Sharad Navratri 2025: दुर्गा सप्तशती के इस प्रयोग से होगा जीवन में आशातीत लाभ

This practice of Durga Saptashati will bring unexpected benefits in life
Durga Saptashati Path: इस संसार के अधिकांश व्यक्तियों की अभिलाषा  होती है वे अकूत धन-संपत्ति प्राप्त कर ऐश्वर्ययुक्त जीवन व्यतीत करें। इस प्रकार के जीवन-यापन के लिए अथक परिश्रम की तो आवश्यकता होती ही है, साथ ही ईश्वरीय कृपा भी इसमें बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। ईश्वरीय कृपा के बिना व्यक्ति अथक परिश्रम करने के उपरांत भी कोई विशेष लाभ प्राप्त नहीं कर पाता।ALSO READ: Navratri status 2025: इन अर्थपूर्ण शब्दों में दें सभी को नवरात्रि पर्व की पावन शुभकामनाएं, पढ़ें 10 सबसे लेटेस्ट संदेश
 
हमारे शास्त्रों में अनेक ऐसे प्रयोगों का उल्लेख मिलता है जो ईश्वरीय कृपा प्राप्ति में सहायक होते हैं। दुर्गा सप्तशती के 'दुर्गाअष्टोत्तरशतनाम' स्तोत्र में ऐसा एक प्रयोग वर्णित है जिसके विधिपूर्वक करने से साधक को जीवन में आशातीत लाभ होता है। 
 
दुर्गा सप्तशती के 'दुर्गाअष्टोत्तरशतनाम' स्तोत्र में स्पष्ट उल्लेख है-
 
'गोरोचनालल्तकुंकुमेन सिन्दूरकर्पूरमधुत्रयेण। 
विलिख्यं यन्त्रं विधिना विधिज्ञ भवेत् सदा धारयेत पुरारि:॥
 
भौमावस्या निशामग्ने चन्द्रे शतभिषां गते।
विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् सम्पदां पदम्॥'
 
अर्थात् मंगलवार के दिन अमावस्या हो और अर्द्धरात्रि में जब चंद्र शतभिषा नक्षत्र में हो तब गोरोचन, लाक्षा (लाख), सिंदूर, कुंकुम, कर्पूर, घी, शहद इन वस्तुओं को मिश्रित कर विधिपूर्वक इस स्तोत्र को लिखकर धारण करने से व्यक्ति शिवतुल्य हो जाता है। उसे अकूत धन-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।

जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से नवरात्रि के नौ दिन इस स्तोत्र का पाठ करता है वह ऐश्वर्ययुक्त जीवन-यापन कर मुक्ति प्राप्त करता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 
 
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