• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Supreme Court seeks response from Center and Assam government in CAA case
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024 (17:39 IST)

CAA के नियमों को चुनौती देने वाली नई याचिका दाखिल, SC ने केंद्र और असम सरकार से मांगा जवाब

Supreme court
New petition filed in Supreme Court challenging CAA rules : उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता (संशोधन) नियम (CAA), 2024 को चुनौती देने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार से जवाब मांगा। सीएए को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को क्रियान्वित और विनियमित करने के लिए लागू किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता गुवाहाटी निवासी हिरेन गोहेन का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील की दलीलों पर गौर किया तथा राज्य सरकार और केंद्रीय गृह एवं विदेश मंत्रालयों को नोटिस जारी किए। शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि नई याचिका को इस मुद्दे पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ संलग्न किया जाए।
 
जो कभी बहुसंख्यक थे, वे अब अल्पसंख्यक हो गए : इस बेहद विवादास्पद मुद्दे से संबंधित नवीनतम याचिका में कहा गया है, बांग्लादेश से असम में अवैध प्रवासियों के अनियंत्रित संख्या में आने से असम में भारी जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है। मूल निवासी, जो कभी बहुसंख्यक थे, वे अब अपनी ही धरती पर अल्पसंख्यक हो गए हैं।
हाल में पीठ ने सीएए नियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए केंद्र से उन अर्जियों पर जवाब देने को कहा, जिनमें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का शीर्ष अदालत द्वारा निपटारा किए जाने तक उनके कार्यान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
 
यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं : गोहेन ने अपनी याचिका में कहा कि सीएए नियम, 2024 संविधान का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि वे स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण, एकतरफा, अवैध और संविधान की मूल संरचना के खिलाफ हैं। याचिका में बांग्लादेश से असम में अवैध प्रवासियों के अनियंत्रित संख्या में आने का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है।
 
यह है विदेशी घुसपैठियों का मुद्दा : याचिका में कहा गया है, यह न तो हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा है और न ही मूल निवासियों बनाम बंग्लादेश के प्रवासियों का मुद्दा है, बल्कि यह विदेशी घुसपैठियों का मुद्दा है, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान। यह उनसे जुड़ा मुद्दा है, जो उस जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, जो सदियों से असम के मूल निवासियों की भूमि रही है। दूसरे शब्दों में यह भारतीयों और गैर-भारतीयों/विदेशियों के बीच का मुद्दा है और इसका पूरे देश के लिए अत्यधिक महत्व है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour