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Last Updated : बुधवार, 4 जनवरी 2023 (12:14 IST)

जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन मुक्त कराने के लिए आंदोलन, मुंबई में सड़क पर सैलाब

जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन मुक्त कराने के लिए आंदोलन, मुंबई में सड़क पर सैलाब - Sammed Shikharji : Protest of jain community in Mumbai
मुंबई। झारखंड स्थित जैन समुदाय के तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन मुक्त कराने के लिए जैन समाज सड़क पर आ गया है। मुंबई में बड़ी संख्‍या में लोग सड़कों पर उतरे और झारखंड सरकार के पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल बनाने के फैसले का विरोध किया।
मुंबई के आजाद मैदान में आज जैन समाज का बड़ा आंदोलन हो रहा है। सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित करने की योजना का विरोध करने सड़क पर उतरे। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन में करीब 2.5 लाख  लोग शामिल हैं।
 
झारखंड, महाराष्‍ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेेश समेत देशभर में जैन समाज सम्मेेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने के फैसले के विरोध में आंदोलनरत हैं।

इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें अभी इस मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्हें बस इतना पता है कि केंद्र सरकार ने पारसनाथ पर्वत को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से अभी इस पर ना कोई टिप्पणी गई है और ना ही कोई फैसला लिया गया है।
 
उल्लेखनीय है कि श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के खिलाफ 'उपवास' कर रहे जैन मुनि सुज्ञेय सागर जी महाराज का मंगलवार को जयपुर में निधन हो गया। 25 दिसंबर के बाद से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया था। सांगानेर संघी जी मंदिर से उनकी डोल यात्रा निकाली गई।
 
जैन धर्म में सम्मेद शिखरजी को सबसे बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है। यह भारतीय राज्य झारखंड में गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित एक पहाड़ पर स्थित है। इस पहाड़ को पार्श्वनाथ पर्वत कहा जाता है। यहां जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया था। जैन समाज को आशंका है कि पर्यटन बढ़ने से यहां पर मांस मदिरा की बिकेगी और इससे स्थान की पवित्रता भंग होगी। 
 
जैन धर्म के अनुयायी चाहते हैं कि इसकी प्राकृतिकता बनी रहे क्योंकि यहां से करोड़ों मुनि मोक्ष पर गए हैं और यह एक तप स्थल है न की पर्यटन स्थल।
Edited by : Nrapendra Gupta