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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: रविवार, 9 अप्रैल 2017 (17:50 IST)

लोकसभा सीट के लिए हुआ ‘खूनी मतदान', 7 की मौत सैकड़ों जख्मी

लोकसभा सीट के लिए हुआ ‘खूनी मतदान', 7 की मौत सैकड़ों जख्मी - Lok Sabha seat, polling, Lok Sabha by-elections
श्रीनगर। श्रीनगर-बडगाम में आज लोकसभा के उप चुनाव खूनी साबित हुए हैं। समाचार भिजवाए जाने तक सात लोगों की सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मौत हो चुकी थी। एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। कई इलाकों में कानून व्यवस्था संभालने सेना को तलब किया जा चुका था। दोपहर 3 बजे तक हुए 5.84 परसेंट मतदान ने कश्मीर में शांति लौटने के दावों की धज्जियां उड़ा दी थीं। मतदान बहिष्कार की ‘कामयाबी’ से गदगदाए अलगाववदियों ने अब 7 मौतों के विरोध में कल कश्मीर बंद का आह्वान किया है। कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कई स्थानों पर अघोषित कर्फ्यू पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि बडगाम जिले में चरारे शरीफ के नजदीक पाखरपुरा में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने एक मतदान केंद्र पर धावा बोल दिया और इमारत में तोड़फोड़ की। सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए चेतावनी के रूप में गोली चलाई, लेकिन भीड़ पर कोई असर नहीं हुआ। अधिकारियों ने कहा कि गोलीबारी में 10 लोग घायल हो गए जिनमें से 6 की बाद में मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने गोलियां चलाईं क्योंकि उनके पास पेलट गन नहीं थी।
 
अधिकारियों ने कहा कि हिंसा का अन्य क्षेत्रों में भी मतदान पर असर पड़ा। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शरारती तत्वों ने रविवार सुबह श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुछ जगह मतदान केंद्रों पर पथराव किया। चाडूरा इलाके में भारी पथराव के चलते मतदान कर्मियों को दो मतदान केंद्रों से हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर, बडगाम और गंदरबल में दो दर्जन से अधिक जगहों से पथराव की खबरें हैं।
 
प्रशासन ने रविवार को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर श्रीनगर, बडगाम और गंदरबल तीनों जिलों में इटंरनेट सेवाएं बंद कर दी। इन तीनों जिलों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बंद कर दी गई। सूत्रों ने बताया कि चुनावों के दौरान अलगाववादियों द्वारा किसी तरह की अफवाह फैलाने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था।
 
गांदेरबल जिले में एक मतदान केंद्र पर पथराव करने और उसे जलाने के लिए पेट्रोल बम फेंकने वाली हिंसक भीड़ को काबू में करने में सुरक्षाबलों की मदद के लिए सेना को बुलाया गया और हिंसा से उपचुनाव के लिए हो रहा मतदान बाधित हुआ।
 
मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में अलगाववादियों ने कई जगहों पर सड़कों पर नारेबाजी की और मतदान केन्द्रों पर जाकर मतदान का बहिष्कार कराने की भी कोशिश की। हालांकि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था और शांति कायम रखने के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया।  प्रदर्शनकारी जब पीछे नहीं हट रहे थे तो सुरक्षाकर्मियों को समूह बनाकर पत्थरबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू  गैस के गोले दागने पड़े। इसी दौरान, बडगाम के चड़ूरा के हुफ्रू क्षेत्र में पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी कर रहे प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे।
 
शहरी इलाकों में मतदान प्रभावित हुआ जहां मतदानकर्मियों और सुरक्षाबलों को पथराव की घटनाओं का सामना करना पड़ा। दो विधानसभाओं वाले पूरे जिले से पथराव की घटनाएं आईं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान शहरी इलाकों से अधिक हुआ।
 
उन्होंने कहा कि गांदेरबल के वाकुरा इलाके में एक मतदान केंद्र पर बिजली नहीं थी। बिजलीकर्मी इस खामी को दूर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुछ शरारती तत्वों न उन पर पथराव कर दिया। अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबल हरकत में आए और पत्थरबाजों का पीछा किया।
 
अधिकारियों के मुताबिक गादुरा इलाके में भीड़ ने मतदान केंद्रों पर पथराव किया और एक मतदान केंद्र वाले भवन को जलाने का प्रयास किया जिसके बाद सेना को बुलाया गया। बूथ पर और सुरक्षा में लगे जवानों पर पेट्रोल बम फेंके गये।
 
यह इलाका जिले को श्रीनगर के सूरा इलाके से जोड़ता है और आतंकवादी शहर में प्रवेश के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। गांदेरबल के एक थाने के पास हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर जाकिर मूसा का एक पोस्टर चिपका होने से पुलिस के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी। श्रीनगर से महज 20 किलोमीटर दूर इस इलाके में मतदान केंद्रों के बाहर प्रदर्शनकारियों को एकत्रित होते देखा गया। धरने पर बैठे ये लोग मतदाताओं से वोट नहीं डालने को कह रहे थे।
 
इस बीच, घाटी के तीन चुनावी जिलों में अलगाववादी समूहों की ओर आहूत हड़ताल के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ, अलगाववादी समूहों ने लोगों से चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने को कहा था। अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर, बडगाम और गंदरबल जिलों में अधिकतर दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों से सार्वजनिक वाहन भी नदारद रहा। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ निजी वाहन सड़कों पर नजर आए। सरकार ने इन जिलों में आज (रविवार, 9 अप्रैल) के लिए छुट्टी की घोषणा की हुई थी।
 
वहीं जम्मू कश्मीर में उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति भी तेज हो गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बड़गाम जिले में मौत को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उमर अब्दुल्ला ने सख्त लहजे में कहा कि बतौर राजनेता मैंने पिछले 20 सालों में चुनाव और चुनाव प्रचार के दौरान जम्मू कश्मीर में ऐसी बुरी स्थिति नहीं देखी। यह निश्चित तौर पर राज्य और केंद्र सरकार व चुनाव आयोग की नाकामी है।
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