शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. isis terrorist
Written By
Last Modified: लखनऊ , बुधवार, 8 मार्च 2017 (22:05 IST)

संदिग्ध आईएस आतंकी के पास से भारी मात्रा में मिला गोला बारूद

संदिग्ध आईएस आतंकी के पास से भारी मात्रा में मिला गोला बारूद - isis terrorist
लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी के घनी आबादी वाले एक इलाके में आईएसआईएस का संदिग्ध आतंकी 12 घंटे के ऑपरेशन के बाद तड़के मारा गया। पुलिस ने उसे जिन्दा पकड़ने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही। मृतक संदिग्ध के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है।
संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के तार कल भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए विस्फोट से जुडे होने का संदेह था। राजधानी में ठाकुरगंज इलाके के एक मकान में आतंकवादरोधी दस्ते (एटीएस) के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया।
 
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने बताया कि आतंकी के खिलाफ ऑपरेशन खत्म होने के बाद उस मकान का दरवाजा खोला गया, जहां वह छिपा था। फर्श पर उसका शव मिला और उसके आसपास भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद पड़े मिले।
 
उन्होंने बताया कि लखनऊ में मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के पास से आठ पिस्टल, चार चाकू, 32 बोर के 630 जिन्दा कारतूस, 71 खोखा राउण्ड, 45 ग्राम सोना, तीन मोबाइल, बैंकों की चेक बुक, एटीएम कार्ड तथा पैन कार्ड, सिम कार्ड, दो वॉकी-टॉकी सेट, बम बनाने का सामान, तीन पासपोर्ट, डेढ़ लाख रुपए नकद, काले रंग के कपड़े का बैनर बरामद किया गया।
 
चौधरी ने स्पष्ट किया कि राजधानी लखनऊ में तड़के मारा गया संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह के तार अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुडे थे, इसका कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि वह आईएसआईएस के साहित्य और विचारों से स्वत: प्रेरित था।
 
चौधरी ने कहा, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि सैफुल्लाह के आईएसआईएस से संबंध थे.. आज के युग में कोई भी युवा आईएसआईएस के बहकावे में आ सकता है। इंटरनेट, सोशल मीडिया के माध्यम से वे प्रेरित हो सकता हैं। मध्यप्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए विस्फोट के बाद गिरफ्तार तीन संदिग्ध आतंकी, उसके बाद कानपुर और इटावा में संदिग्धों की गिरफ्तारियां तथा सैफुल्लाह के साथ मुठभेड़ का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों और सैफुल्लाह के आईएसआईएस से जुड़े होने का हमारे पास कोई प्रमाण नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि हम नहीं कहते कि वह किसी से जुड़े था। वे नेट सामग्री के प्रभाव में आ जाते हैं और अपना आचरण और संकल्प उसी तरह करने लगते हैं। इसी प्रभाव में इन सभी ने काम करने का विचार किया और धीरे-धीरे करने की कोशिश की। वे आईएस-खोरासान के नाम से अपनी पहचान बनाना चाह रहे थे। उन्होंने छोटी घटनाओं का प्रयास किया मगर नाकाम रहे। मध्य प्रदेश की घटना के बाद उनकी असली गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली। जब सवाल किया गया कि आईएस-खोरासन माड्यूल का प्रमुख कौन था, तो चौधरी ने बताया कि सभी संदिग्ध आतंकियों का नेता अतीक मुजफ्फर था।
 
चौधरी ने बताया कि सैफुल्लाह की जब आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने घेराबंदी की तो वह ‘शहादत’ की बात करने लगा। उसे आत्मसमर्पण के लिए राजी करने के काफी प्रयास किए गए लेकिन वह लगातार गोलीबारी करता रहा। एटीएस ने भी जवाबी फायरिंग की और अंत में सैफुल्लाह मारा गया।
 
चौधरी ने बताया कि ठाकुरगंज के मकान में सैफुल्लाह के साथ तीन अन्य युवक रहते थे। ट्रेन विस्फोट के बाद पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर कानपुर, औरैया और लखनऊ में छापेमारी की गई। 
 
चौधरी ने बताया कि संदिग्धों के पास बरामद लैपटाप की जांच करने पर पता चला कि वे लगातार आईएसआईएस के साहित्य का अध्ययन करते थे। इंटरनेट से ही उन्होंने असलहा और बम बनाना सीखा। इन्हें कहीं बाहर से धन नहीं मिलता था बल्कि धन की व्यवस्था उन्होंने खुद की थी। उन्होंने बताया कि कई जगह छापेमारी के बाद गिरफ्तारियां हुई हैं लेकिन दो संदिग्ध अभी भी बाकी हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
 
जब पूछा गया कि क्या सभी संदिग्ध नौसिखिए हैं, तो चौधरी ने कहा, यह नहीं कहेंगे कि नौसिखिए हैं। जिस ढंग से उनके पास हथियार और गोला-बारूद सामग्री, बम बनाने का सामान मिला है, जिस ढंग से वे स्वत: प्रेरित थे और कट्टर थे, उनको नौसिखिया नहीं कहा जा सकता। आखिर ट्रेन विस्फोट तो उन्होंने कर ही दिया। 
 
उन्होंने कहा, एक समय तो ऐसा लग रहा था कि मकान के भीतर एक से अधिक संदिग्ध आतंकी छिपे हुए हैं। एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने हालांकि कल कहा था कि मारा गया संदिग्ध आतंकी आईएसआईएस का सक्रिय सदस्य था। (भाषा)
ये भी पढ़ें
सीबीएसई की कक्षा दस, 12वीं की परीक्षाएं कल से