एक तरफ तो देशभर में नकद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही, उसपर से बैंकों द्वारा एटीएम इस्तेमाल करने के चार्ज दोबारा शुरू होने से आम लोग परेशान हैं। कैशलेस का नारा देने वाली सरकार ने डिजिटल ट्रांसेक्शन को राहत देने के बजाए डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन फीस में भी कोई छूट का ऐलान नहीं किया है। इसके पहले नोटबंदी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने 31 दिसंबर तक के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स पर ट्रांजैक्शन फीस को खत्म कर दिया था।
आपको बता दें कि 1 जनवरी से होने वाले ट्रांजेक्शन पर इसके चलते बैंकों ने एक बार फिर ट्रांजैक्शन फीस चार्ज करना शुरू कर दिया है।
ट्रांजेक्शन प्रॉसेसिंग ऐंड एटीएम सर्विस के प्रेजिडेंट वी. बालासुब्रमण्यन ने कहा, 'पहली 5 ट्रांजैक्शंस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। इसके बाद यह फैसला बैंकों के विवेकाधिकार और कस्टमर की कार्ड कैटिगिरी पर निर्भर करेगा। आमतौर पर बैंकों का ग्राहकों से चार्ज को लेकर अग्रीमेंट होता है। कई बैंक नोटबंदी से पहले प्रीमियम कस्टमर्स से एटीएम चार्ज नहीं वसूल रहे थे। बालासुब्रमण्यन ने कहा कि फिलहाल कैश आसानी से उपलब्ध नहीं है। केंद्र सरकार को डिजिटल ट्रांजेक्शंस पर सब्सिडी को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यदि डिजिटल ट्रांजैक्शंस को लेकर सरकार का आग्रह है तो कस्टमर्स को ही उसकी पूरी कीमत क्यों अदा करनी चाहिए।