शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. Australia Black Lives Matter Facebook page
Written By Author डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
Last Modified: सोमवार, 16 अप्रैल 2018 (13:19 IST)

गोरे की करतूत थी- ‘ब्लैक लिव्स मैटर पेज’

गोरे की करतूत थी- ‘ब्लैक लिव्स मैटर पेज’ - Australia Black Lives Matter Facebook page
# माय हैशटैग
 
ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक के यूजर्स के बीच एक पेज बहुत लोकप्रिय था, जिसका नाम था ‘ब्लैक लिव्स मैटर’। 7 लाख से अधिक लोग इस पेज को फॉलो करते थे, जो ऑस्ट्रेलिया की आबादी को देखते हुए बहुत बड़ी संख्या कही जा सकती है। इस फेसबुक पेज के माध्यम से पिछले कुछ समय से धन संग्रहण भी किया जा रहा था। रंगभेद की नीति के खिलाफ काम करने वाले ग्रुप की मदद के लिए लोग खुलकर आर्थिक मदद भी दे रहे थे। इस पेज की अपीलों के बाद करीब एक लाख डॉलर का चंदा भी इकट्ठा हो चुका था, लेकिन अब यह रहस्योद्घाटन हुआ है कि यह पेज बनाने वाला मध्य आयु का एक गोरा आदमी है। इसका नाम मैकी बताया जाता है। 
 
सीएनएन इन्वेस्टीगेशन ने इस बात का खुलासा किया कि इस गोरे आदमी का ब्लैक लिव्स मैटर से कोई संबंध नहीं था और न ही यह इस तरह के किसी अभियान का हिस्सा था। वास्तव में ब्लैक लिव्स मैटर एक आधिकारिक फेसबुक पेज था और मैकी का उससे कोई संबंध नहीं था। दिसंबर 2017 में उसने एक फर्जी पेज बनाया और ब्लैक पॉवर फिस्ट.कॉम नाम से अप्रैल 2015 में शुरू किए गए अपने एक ब्लॉग से उसे जोड़ा। इस व्यक्ति ने एक और वेबसाइट बनाई, जिसका नाम था ‘ब्लैक लिव्स मैटर.मीडिया’। मैकी फेसबुक पेज का उपयोग इंटरनेट ट्रैफिक को अपनी वेबसाइट पर ट्रांसफर करने के लिए करता था। 
 
मैकी ने अपने फेसबुक पेज के बहाने ब्रांडेड मर्चेंटाइज की खरीदी-बिक्री की। उसमें डोनर बॉक्स, पे-पॉल, क्लासी आदि का उपयोग करके फंड भी इकट्ठा किया और उस फंड को ऑस्ट्रेलिया के अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने लगा। जब सीएनएन ने मैकी से इस बारे में सवाल किया, तो मैकी ने कहा कि डोमेन नेम की खरीदी-बिक्री उसकी पर्सनल हॉबी है और वह इसी शौक के चलते यह कार्य करता रहा है।
 
दिलचस्प बात यह है कि ब्लैक लिव्स मैटर नेटवर्क के सहसंस्थापक पहले ही अपने सभी साथियों के सामने यह घोषणा कर चुके थे कि मैकी का पेज फेक है और उसका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना से फेसबुक के सामने भी सवाल खड़ा हो गया है और लोग कह रहे है कि फेसबुक कई देशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को गुमराह कर रहा है। 
 
ब्लैक लिव्स मैटर अभियान की तरफ से इस बारे में एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है कि वे लोग ऑस्ट्रेलिया के इस फेक अकाउंट को बंद कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हम एक डिजिटल युग में जी रहे है और हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफार्म लोगों को किसी भी तरह से गुमराह न करें और धोखाधड़ी न होने दें। इसके साथ ही ब्लैक लिव्स मैटर ने अपने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म और वेबसाइट पर अधिकृत लोगों के लिंक जारी करना शुरू कर दिया है।
ये भी पढ़ें
3 बड़ी बीमारियों का इलाज है लौकी के छिलके