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Last Modified: बुधवार, 13 सितम्बर 2017 (22:38 IST)

‘यस सर’ या ‘यस मैडम’ के बजाय विद्यार्थी कहेंगे ‘जय हिन्द’

‘यस सर’ या ‘यस मैडम’ के बजाय विद्यार्थी कहेंगे ‘जय हिन्द’ - Madhya Pradesh, Government School,
भोपाल। बच्चों के अंदर छोटी उम्र से ही देशप्रेम की भावना जाग्रत करने के मकसद से मध्यप्रदेश के सतना जिले में सभी सरकारी स्कूलों में हाजिरी लगाने के दौरान विद्यार्थियों को ‘यस मैडम’ या ‘यस सर’ के स्थान पर एक अक्टूबर से अब ‘जय हिन्द’ बोलना होगा। यह प्रयोगात्मक तौर पर आरंभ किया जा रहा है।
 
प्रदेश के शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने आज बताया, ‘स्कूलों में जब शिक्षक विद्यार्थियों की हाजिरी लेते हैं, तब बच्चे ‘यस मैडम’, ‘यस सर’ या ‘प्रजेंट’ कहते हैं। उससे क्या होता है। ‘यस सर’, ‘यस मैडम’ क्या होता है। इसके स्थान पर प्रदेश के सतना जिले के सभी सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को एक अक्टूबर से ‘जय हिन्द’ बोलना होगा।’ 
 
उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमने हाल ही में सतना जिले के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं। शाह ने बताया कि ‘जय हिन्द’ बोलने से बच्चों में छोटी उम्र से ही देशभक्ति की भावना जाग्रत होती है। इसके अलावा, देश के प्रति प्रेम जगता है।’ 
 
उन्होंने कहा कि यदि सतना जिले में किया गया यह प्रयोग सफल होता है, तो हम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजकर उनसे अनुरोध करेंगे की प्रदेश के सभी 1,22,000 सरकारी स्कूलों में इसे लागू करवाएं।
 
शाह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के इन सरकारी स्कूलों में करीब एक करोड़ बच्चे हैं। अपनी इस बात का पुरजोर समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि सेना एवं अर्द्ध सैन्य बल के जवान भी ‘जय हिन्द’ करते हैं।
 
शाह ने बताया कि इसके अलावा, बच्चों में देशभक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (6वीं से लेकर 12वीं तक) में पिछले डेढ़ महीने से रोज झंडा वंदन हो रहा है।
 
उन्होंने कहा, ‘भविष्य में प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूलों में भी रोज झंडा वंदन किया जाएगा।’ शाह ने बताया, ‘हमने मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को भी एडवाइजरी भेजी है कि वे भी अपने स्कूलों में रोज राष्ट्रीय झंड़े को फहराएं।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘हमने सेना के स्थानीय शहीदों के नाम पर गांवों में स्कूलों का नाम रखने का एक प्रस्ताव भी तैयार किया है और इसे मंजूरी के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों को भेजा है।’ (भाषा)
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