आंध्र हिंसा मामला : केंद्रीय बलों की 25 कंपनियां रहेंगी तैनात, चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय को दिए निर्देश
25 companies of central forces deployed in Andhra Pradesh : निर्वाचन आयोग ने आंध्र प्रदेश में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को 4 जून को मतगणना के बाद भी केंद्रीय बलों की 25 कंपनियां प्रदेश में तैनात रखने का निर्देश दिया। आयोग ने चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं पर राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की।
आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसी हिंसा दोबारा न हो और सभी पुलिस अधीक्षकों को भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले से ही उपाय करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
निर्वाचन आयोग ने आंध्र प्रदेश में चुनाव के बाद सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए घटनाओं को रोकने में प्रशासन की विफलता पर व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देने के लिए राज्य के मुख्य सचिव केएस जवाहर रेड्डी और पुलिस महानिदेशक हरीश गुप्ता को गुरुवार को यहां निर्वाचन सदन तलब किया था।
आयोग ने कहा, हमने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद किसी भी हिंसा को नियंत्रित करने के मद्देनजर गृह मंत्रालय को मतगणना के बाद 15 दिन के लिए आंध्र प्रदेश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 25 कंपनियों को तैनात रखने का निर्देश देने का फैसला किया है।
आयोग ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुरोध किया था कि चार जून को होने वाली मतगणना के बाद 15 दिन तक केंद्रीय बलों को प्रदेश में तैनात रखा जाए। आयोग ने दोषियों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता की अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने पर जोर दिया। आचार संहिता की अवधि आमतौर पर मतगणना पूरी होने के बाद समाप्त हो जाती है।
वहीं मुख्य सचिव और डीजीपी ने हिंसा प्रभावित जिलों में अधिकारियों की ओर से कथित लापरवाही और निगरानी की कमी के बारे में अपना आकलन साझा किया। आयोग ने राज्य सरकार के विभिन्न प्रस्तावों को भी मंजूरी दी, जिनमें एक विशेष जांच दल द्वारा मामले की पड़ताल और प्रत्येक मामले में दो दिन में की गई कार्रवाई रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना शामिल है।
घटनाओं के संबंध में प्राथमिकियों में भारतीय दंड संहिता की अतिरिक्त उपयुक्त धाराओं को जोड़ा जाना शामिल है। आयोग ने पलनाडु के जिलाधिकारी के स्थानांतरण और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने तथा पलनाडु और अनंतपुरमू जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निलंबित करने और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने को भी मंजूरी दे दी।
इसने तिरुपति के पुलिस अधीक्षक के तबादले और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के साथ-साथ पलनाडु, अनंतपुरमू और तिरुपति जिलों में 12 अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने और विभागीय जांच शुरू करने को भी मंजूरी दे दी। मतदान के दिन और मतदान के बाद अनंतपुरमु, पलनाडु और तिरुपति जिलों में हिंसा की कई घटनाएं दर्ज की गई थीं।
आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में मंगलवार को चुनाव बाद हिंसा की सूचना मिली, जहां सोमवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और मुख्य विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेताओं ने घटनाओं के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour