बाल गीत : सिर्फ पौधे मत लगाओ...
सिर्फ पौधे मत लगाओ।
वे रहें जीवित बड़े हों,
दृष्टि इस पर भी टिकाओ।
आजकल पौधे लगाने,
का दिखावा बढ़ रहा है।
और इस पर ढेर धन,
शासन सतत व्यय कर रहा है।
आज अफसर और नेता,
शौकिया फोटो खिचाते।
और करते वृक्ष रोपण,
बन खबर खुद को छपाते।
ये तरु जीवित रहें,
इस बात का बीड़ा उठाओ।
सिर्फ पौधे मत लगाओ।
मात्र करना औपचारिकता,
महज करना दिखावा।
ढेर पौधे लग रहे हैं,
मत करो यह झूठ दावा।
आज पौधा रोपते जो,
चार दिन में सूख जाता।
क्या हुआ है हश्र उसका,
देखने फिर कौन जाता।
झूठ कहकर आंकड़ों को,
व्यर्थ में ही मत बढ़ाओ।
सिर्फ पौधे मत लगाओ।
अब करो निर्णय कि हमको,
एक पौधा पालना है।
रोज उठकर भोर में ही,
खाद पानी डालना है।
एक पौधा माह में,
हमको नियम से रोपना है।
और आगे एक भी तरु,
काटने से रोकना है।
जिस तरह भी हो धरा को,
अब प्रदूषण से बचाओ।
सिर्फ पौधे मत लगाओ।
यदि रहेंगे पेड़ पौधे तो,
नदी सरवर रहेंगे।
मेघ अंबर में दिखेंगे,
फिर बरस पानी बहेंगे।
इस धर पर सब जगह,
हर ओर हरियाली दिखेगी।
जीव जंतु प्राणियों में,
सर्व खुशिहाली दिखेगी।
इस तरह से नष्ट होते,
विश्व को फिर से बचाओ।
सिर्फ पौधे मत लगाओ।