इंटरनेट पर लोग ढूंढ रहे हैं 'मौत'
गूगल और इंटरनेट ने एक ओर तो दुनिया को बहुत बेहतर बना दिया है, लेकिन कहीं न कहीं ये आभासी माध्यम लोगों को मौत के मुंह में ढकेल रहे हैं।
हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कुछ लोगों ने गूगल में आत्महत्या की ट्रिक खोजी और अपनी जान दे दी। चूंकि गूगल एक ऐसा माध्यम है, जो यूजर के सवालों का जवाब फटाफट देता जाता है और पलटकर सवाल भी नहीं पूछता कि आखिर आप ये जानकारी क्यों ले रहे हैं।
बेंगलुरु की ईशा के गूगल पर वे 48 घंटे : बेंगलुरु में एक महिला ने एक ऊंची बिल्डिंग से कूदकर अपनी जान दे दी। वह अपनी खुदकुशी की योजना पिछले 48 घंटों से बना रही थी। ईशा हांडा नाम की यह महिला पेशे से फैशन डिजाइनर थी। उसने 13 मंजिला बिल्डिंग से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी।
बाद में जांच करने आए फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने मौका-ए-वारदात पर ईशा का स्मार्टफोन बरामद किया। जब उन्होंने फोन को अच्छी तरह से जांचा तो पता चला कि ईशा पिछले 2 दिनों से अपने स्मार्टफोन पर खुदकुशी के तरीके ढूंढ रही थी। इस दौरान ईशा ने 89 वेबसाइटों पर विजिट की थी।
29 अगस्त की सुबह ईशा ने मौत के तरीके खोजने के लिए गूगल सर्च का इस्तेमाल किया था। इस दौरान उसने मौत के तरीके जैसे चलती हुई ट्रेन के सामने कूद जाना, नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लेना, फांसी लगा लेना आदि देखे।
जांचकर्ताओं ने पाया कि ईशा ने इस दौरान इस पर भी रिसर्च की थी कि किस तरीके में बचने के कितने मौके हैं। इन सब तरीकों का जोड़-घटाव करके ईसा ने 13 मंजिल ऊंची बिल्डिंग से छलांग लगाने की योजना बनाई।
13 साल के लड़के ने सुसाइड नोट डाला व्हाट्सएप पर : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल ही में एक 13 साल के लड़के ने अपने आपको पंखे में लटकाकर फांसी लगा ली।
इस लड़के ने अपना सुसाइड नोट व्हाट्सएप पर डाल दिया जिसमें लिखा है, मैं ऐसे संसार में नहीं रहना चाहता, जहां लोग सगे-संबंधों से ज्यादा महत्व पैसों को देते हैं। इस लड़के का नाम शानू है और वह नौवीं कक्षा का छात्र था। पुलिस ने मोबाइल फोन से सुसाइड नोट प्राप्त कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि शानू अपने माता-पिता से संबंधों को लेकर बहुत परेशान था। उसकी मां दुबई में रहती है और उसके पिता जो पेशे से फोटोग्राफर हैं वे दिल्ली में रहते हैं, वे पिछले कुछ समय से बीमार हैं।
इंटरनेट और व्हाट्सएप की दुनिया में लोग जिस तरह फंसते जा रहे हैं वह चिंता की बात है। अब इस पर सघन विचार की आवश्कता है ताकि समाज और लोगों के लिए मौत की वजह बनते जा रहे इस साइबर रावण से बचा जा सके।