जानिए, 'मदर ऑफ ऑल बम' और 'फादर ऑफ ऑल बम' में अंतर
नई दिल्ली। जिस तरह से अमेरिका ने अपने 'मदर ऑफ ऑल बम' से पाकिस्तानी सीमा पर एक महाबम से हमला किया है, ठीक वैसा ही भारी-भरकम बम रूस के पास भी 'फादर ऑफ ऑल बम' है। फिलहाल दोनों में अंतर यह है कि मदर बम का इस्तेमाल किया जा चुका है और फादर बम अभी भी रूस के पास रखा हुआ है।
अमेरिका ने जिस बम का इस्तेमाल किया उसे जीबीयू-43 या मदर ऑफ ऑल बम कहा गया और इसका परीक्षण 2003 से पहले इराक युद्ध के शुरू होने से पूर्व किया गया था, पर अमेरिका के इस महाबम के बाद रूस ने दावा किया है कि उसके पास दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु 'फादर ऑफ ऑल बम' है जो कि मदर बम से दो गुना अधिक शक्तिशाली है।
विदित हो कि जहां मदर बम का वजन 21600 पौंड (9797 किग्रा) था। इस बम के गिराए जाने पर सवा तीन किलोमीटर के दायरे की सभी चीजें तबाह हो जाती हैं। इसकी कीमत करीब दो हजार करोड़ रुपए है। अमेरिका के पास ऐसे 20 बम हैं।
फादर ऑफ ऑल बम रूसी बम है जिसका परीक्षण 11 सितंबर 2007 में किया गया था। आकार में यह बम मदर बम की तुलना में छोटा है, लेकिन इसकी विध्वंसकता मदर बम से दो गुनी है। इसे सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम माना जाता है, लेकिन इससे होने वाली तबाही परमाणु बम जैसी होती है लेकिन परमाणु बम की तरह इससे रेडिएशन का खतरा नहीं होता है।