मेरे दिल ने तो ऐतबार किया
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राजीव राय हमने जिसका भी ऐतबार कियाउसी ने छुप के मुझ पे वार कियाएक लम्हे की ख़ता की ख़ातिरज़िन्दगी भर का इंतज़ार कियातेरी महफ़िल में फिर से ले आयामैंने दिल को मना हज़ार कियाज़िंदगी-भर वो बावरा-सा रहादो घड़ी बस तेरा दीदार कियाहै तेरा प्यार इक फ़रेब मगरमेरे दिल ने तो ऐतबार किया। साभार:प्रयास