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बेवफा थी वो मगर
श्याम सखा 'श्याम' कैसा वो किरदार थातेग था तलवार थाआग दोनो ओर थीपर मिलन दुश्वार थाकहने को थे दिल मिलेपर लुटा घर-बार थाखुशनुमा खबरें पढींकब का वो अखबार थाकश्ती मौजों में पहुँचीछुट गया पतवार थाथी जवानी बिक रहीहुस्न का बाजार थाबेवफा थी वो मगर दिल से मैं लाचार था ।