प्यार के पल कितने कम हैं
और तुम कितनी दूर ....
ये रात है और अकेलापनतारे टिमटिमाते हैं और मेरे अकेलेपन कोऔर अकेला करते हैंप्यार के पल कितने कम हैं, कितने छोटेऔर अकेलेपन की रातें कितनी लंबी और सूनीमैं जानता हूँ आसमान की गोद में ये तारे टिमटिमाते हुए कितने सुंदर लगते हैंलेकिन तुम्हारे बगैर यह रात एक अजगर हैजिसने मुझे जकड रखा हैधीरे-धीरे मेरी आँखें मूँद जाएँगी और तुम जान भी नहीं पाओगी मेरी जिंदगी कितनी छोटी है और तुम कितनी दूर...!