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कम समय में कैसे पाएं त्वचा की खूबसूरती....

कम समय में कैसे पाएं त्वचा की खूबसूरती.... - beauty & health tips
डॉ. अप्रतिम गोयल 
अगर आप अपने चेहरे की त्वचा को लेकर चिंतित हैं। तो यह महत्वपूर्ण जानकारी आपके काम की है। कम समय में कैसे अपनी त्वचा को खूबसूरत बनाया जाए आइए जानते हैं... 
 
1. एक्सफोलिएशन-
चमकीली चिकनी त्वचा पाने के दो महत्वपूर्ण पड़ाव हैं पहला- एक्सफोलिएशन तथा दूसरा है हाइड्रेशन। युवावस्था में चेहरे की त्वचा चिकनी और त्रुटिहीन होती है जबकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, त्वचा में रूखापन और मौसम के दुष्प्रभाव नजर आने लगते हैं। एक्सफोलिएशन कब करें और कितनी बार करें यह आपकी त्वचा की बनावट पर निर्भर है। त्वचा पर वातावरण का गहरा प्रभाव पड़ता है। मुंबई जैसे शहरों में जहां चेहरे पर पॉल्युशन की सीधी मार पड़ती है वहां एक्सफोलिएशन जल्दी जल्दी करना पड़ता है। चेहरे की त्वचा नाजुक होती है इसलिए एक्सफोलिएशन इतने मुलामय तरीके से किया जाना चाहिए कि उससे चेहरे की सुरक्षा पर न उधड़ जाए। चने के बेसन के साथ, नींबू के रस की चंद बूंदें और गुलाब जल का मिश्रण चेहरे पर चमत्कार कर सकता है। साथ ही त्वचा के सुरक्षा कवच को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। 
 
स्किन पॉलिशिंग 
माइक्रोडर्माब्रेजन या स्किन पॉलिशिंग किसी ट्रेंड प्रोफेशनल से कराई जानी चाहिए। यह किसी भी महत्वपूर्ण अवसर पर जाने से छह-सात दिन पहले किया जाना चाहिए। मुलाकात के एक दिन पहले ला'मैरीन तथा विटामिन सी का क्लीन अप अथवा फेशियल करने से मनचाहा लुक हासिल किया जा सकता है। यह प्रक्रिया आपकी त्वचा के प्रकार के अनुसार परिवर्तित भी की जा सकती है। 
 
सनस्क्रीन
याद रखिए कि अल्ट्रावॉयलेट किरणों का दुष्प्रभाव घर के अंदर भी पहुंचता है। मसलन यदि आपके घर में सूरज की रोशनी बहुत अधिक मात्रा में प्रवेश कर रही है या फिर आप बड़ी सी खिड़की के नजदीक अधिक देर तक बैठे रहकर कोई काम कर रही हों तब भी अल्ट्रावॉयलेट किरण आपकी त्वचा को खराब कर सकती है। इसलिए सनस्क्रीन केवल धूप में या घर से बाहर निकलते समय ही लगाना पर्याप्त नहीं है। सनस्क्रीन की स्ट्रेंथ 25 एसआरएफ से अधिक होना चाहिए। इतनी ताकतवर सनस्क्रीन से ही त्वचा की रक्षा हो पाती है। जो महिलाएं लंबे समय तक एसी कमरों या हॉल्स में बैठकर काम करती हैं उनकी त्वचा की देखभाल अलग तरह से की जाती है। अधिक समय तक एअरकंडीशन्ड कमरों में समय बिताने वाले के चेहरे से प्राक्रतिक नमी बनाए रखने वाले आवश्यक तेल सोख लिए जाते हैं। एसी की हवा आपके चेहरे से नमी भी सोख लेती है। इसलिए जरूरी है कि हर चार घंटें में चेहरे की नमी पुनः लौटाई जाए। इसके लिए जरूरी क्रीम का प्रयोग करें। कम्प्यूटर के सामने अधिक समय तक बैठने वाली महिलाओं को सनस्क्रीन के साथ मॉइश्चराइजर मिलाकर लगाना चाहिए। इससे चेहरे की नमी बरकरार रहती है। स्कूटी या किसी अन्य दो पहिया वाहन चलाने से पहले हैलमेट पहनें और सनस्क्रीन के साथ मॉइश्चराजर जरूर लगा  लें। 
 
डॉर्क सर्कल
बीपीओ इंडस्ट्री की सबसे बड़ी देन है युवा लड़कियों में डार्क आई सर्कल्स। आंखों को घेरे काली झांइयां चेहरे न केवल डल और मुरझाया हुआ बना देती हैं बल्कि सुस्त और अनुउत्साहित भी घोषित करती हैं। रात में सोने से पहले डार्क सर्कल्स पर 3 से 5 मिनट तक विटामिन सी सीरम की उंगलियों की पोर से हल्की मालिश करें। कोजिक एसिड, लिक्योराइस, हाइड्रोक्विनोन, एजेलेक एसिड जैसे एक्टिव इंग्रेडिएंट्स का रात को सोने से पहले किया गया प्रयोग फायदेमंद साबित होगा। इनके इस्तेमाल से पहले त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह मशविरा अवश्य करना चाहिए क्योंकि वही यह बताने की स्थिति में है कि आपके लिए क्या उचित है। 
 
चेहरे की मुद्रा का रखें ध्यान 
अक्सर लड़कियां चेहरे की मांसपेशियों को अनावश्यक रूप से सिकोड़कर अथवा चेहरा बिगाड़कर बात करती हैं। शुरु में यह किसी की नकल उतारने में इस्तेमाल किया जाता है बाद में इसकी आदत पड़ जाती है। कुछ लड़कियां बारीक अक्षर पढ़ने के लिए भौंहें सिकोड़ लेती हैं। आंख की कोर दवा लेती हैं। इससे इन स्थानों की त्वचा पर सल पड़ने लगते हैं। इसी तरह अचानक तेज प्रकाश में जाने पर आंखें अपने आप भिंच जाती हैं, इससे झुर्रियां पड़ने के अवसर भी बढ़ जाते हैं। घर से बाहर निकलते समय डार्क कलर के गॉगल्स जरूर पहनें ताकि नाजुक त्वचा पर विपरीत असर न पड़े। 
 
बोटोक्स का लें सहारा
झुर्रियों को मिटाने का सबसे आसान और सरल तरीका है बोटोक्स का इंजेक्शन। इससे तीन से पांच मिनट में तत्काल झुर्रियां गायब हो जाती हैं। अक्सर मुस्कुराहट के स्थायी निशान गालों पर रह जाते हैं जिन्हें बोटॉक्स से हटाया जा सकता है। 
 
एक्ने के निशान 
उम्र के किसी पढ़ाव पर त्वचा की देखभाल करना मुश्किल से मुश्किलतर होता जाता है। किशोरावस्था में एक्ने निशान छोड़कर जाते हैं। ऐसे भाग्यशाली बहुत कम होते हैं जिन्हें किशोरावस्था में एक्ने और पिम्पल्स न हुए हों। इनसे निपटने की सबसे बड़ी टिप यही है कि कभी भी इन्हें नोचने का प्रयत्न न करें। चेहरे को स्टीम करें और रात में बैंजायल पैरॉक्साइट लगाकर सोएं। टोनर या एस्ट्रीजेंट्स का भी प्रयोग कर सकते हैं। 
 
साबुन का प्रयोग बंद करें
चेहरे साबुन लगाने से उसकी एक महीन परत छूट जाती है। इससे आपका चेहरा मुरझाया हुआ नजर आता है। साबुन के बजाए फेसवॉश का प्रयोग करें। पहले हथेलियों पर फेसवॉश रगड़ें तथा बाद में झाग चेहरे पर लगाकर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें। बाद में अधिक पानी से धो लें। 
  
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