• Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. विचार-मंथन
  3. विचार-मंथन
  4. independence day

आजादी के 71 साल बाद कौन देगा इन सवालों के जवाब?

आजादी के 71 साल बाद कौन देगा इन सवालों के जवाब? | independence day
सन् 1947 में भारतवर्ष आजाद होकर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के रूप में विभाजित हो गया। पाकिस्तान ने कट्टरपंथ का तो हिंदुस्तान ने धर्मनिरपेक्षता का रास्ता अपनाया। आजादी मिले आज 71 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी कुछ लोगों के मन में कुछ सवाल कायम है। इन सवालों के जवाब देने वाला शायद कोई नहीं है, क्योंकि पद पर बैठे बहुत कम लोग होंगे जो खुद को जिम्मेदार समझते होंगे।
 
 
हो सकता है कि अधिकतर नेता विवादित मुद्दों और समस्याओं से बचकर जैसे-तैसे पांच साल पूरे करने की फिराक में रहते हैं। सचमुच वह सरकार या नेता ही भारत से सच्चा प्रेम करता है जो अपनी राजनीति दांव पर लगाकर भी समस्या और मुद्दों को हल करने की दिशा में गंभीरता से कार्य करता है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या है वे विवादित मुद्दे या समस्याएं? यह सवाल प्रत्येक जिम्मेदार को खुद से पूछता चाहिए।
 
 
आओ जानते हैं कुछ सवाल :
#
* 1947 में ही हमें क्यों विभाजित किया या स्वतंत्रता मिली?
* हम आजादी का पर्व क्यों मनाते हैं? 
* इस दिन भारत विभाजित हुआ था या आजाद? 
* किन लोगों के कारण भारत विभाजित हुआ था?
* भारत को विभाजित किन लोगों ने मिलकर किया था?
* क्यों भारत विभाजित हुआ था?
* क्या धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था?
* यदि धर्म के आधार पर विभाजन नहीं हुआ था तो फिर कई गंभीर सवालों के जबाव कौन देगा?
* यदि धर्म के आधार पर विभाजन नहीं हुआ था तो फिर पाकिस्तान से लाशों का ढेर क्यूं आया?
* भारत विभाजन में मुस्लिम लीग और कांग्रेस की क्या भूमिका रही?
* क्या भारत विभाजित करने के पहले जनमत संग्रह कराया गया था?
* विभाजन ही होना था तो क्यों नहीं स्पष्ट रूप से विभाजित किया गया। क्या जल्दबाजी थी?
* विभाजन के बाद क्या उन लोगों के परिवारों को न्याय मिला जो भारत आकर बस गए या उधर चले गए या जिनको मार दिया गया?

#
* विभाजन के बाद कितने लोग भारत आए और कितने लोग पाकिस्तान गए?
* क्या गांधी और नेहरू के बीच की दूरियों ने तोड़ दिया देश को?
* क्या अंग्रेजों की कपटपूर्ण चाल का कांग्रेस शिकार हो गई थी?
* अंग्रेजों ने हमें गुलाम क्यों बना लिया था?
* भारत स्वतंत्र या विभाजित होने के बाद अब तक क्यों बचे हैं अंग्रेंजों के स्टेचू और स्मारक?
* आज भी क्यों जारी है अंग्रेजों के सिस्टम?
* 200 साल में अंग्रेजों ने हमारे साथ क्या-क्या किया?
* भारत का विभाजन करते वक्त बंगाल और पंजाब को क्यों दिया?
* पूरा पंजाब, सिंध और बंग कहां है, जिसका जिक्र राष्ट्रगान में किया जाता है? 
* कश्मीर को क्यों नहीं उसी दौरान अविवादित क्षेत्र बनाया गया?
* पाकिस्तान से तीन बार युद्ध जीतकर भी टेबल पर क्यों हरा दिया सैनिकों को?
* क्या पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों के आत्मसमर्पण करने के बाद भी कश्मीर समस्या का हल नहीं निकल सकता था?
* कैसे हुई लाल बहादुर शास्त्री और सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु?
* इस स्वतंत्रता का हमने कितना दुरुपयोग किया है?
* क्या यह लोकतंत्र है या कि भीड़ का वोटतंत्र? 
* मंगल पांडे, भगतसिंह जैसे शहीदों की समाधी पर दीपक जलाने के लिए देश का कोई बड़ा नेता नहीं जाता है?
* आजादी के आंदोलन में शहीद हुए शहीदों के दिवस पर क्यों नहीं होता राष्ट्रीय अवकाश?
 
#
* कैसे सीमावर्ती राज्यों में लाखों की संख्‍या में घुसपैठिए घुसकर भारत के नागरिक बन बैठे, इन पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
* क्यों नहीं बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया?
* किस राज्य में कितती संख्या में है घुसपैठिये और विदेशी नागरिक?
* सीमावर्ती राज्यों में क्यों भारत का मूल निवासी अल्पसंख्यक होता जा रहा है?
* अपने ही देश में भारतीय क्यों बन गया शरणार्थी?
* बाहर से आए शरणर्थियों की समस्या से कब मुक्ति मिलेगी?
* कब होगा सीमाओं का निपटान?
* कब पीओके को हम वापस हासिल कर पाएंगे?
* चीन से हम कब ले पाएंगे अपनी भूमी?
* सरहदों पर सुरक्षा की क्या गारंटी है?
* सीमा पर प्रतिदिन हमारे सैनिक शहीद क्यों होते जा रहे हैं? किसे है इसकी चिंता?
 
 
#
* 'भारत तेरे टूकड़े होंगे' कहने वाले लोगों का क्या हुआ?
* कब तक जारी रहेगी जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति?
* नक्सलवाद, माओवाद, आतंकवाद, अलगाववाद, पर लगाम क्यों नहीं?
* जेल में से ही आतंकवादी, अलगाववादी और गुंडे कब तक चलाते रहेंगे अपनी सत्ता?
* क्यों नहीं कोई चाहता भ्रष्टाचार मिटाना?
* कब तक जारी रहेगा महिलाओं के साथ बलात्कार?
* जमाखोरों और महंगाई पर कब लगेगी लगाम?
* धर्मान्तरण और नक्सलवाद के लिए विदेशों से मिल रही आर्थिक मदद और हथियारों की सप्लाई कब बंद होगी?
* गुंडा, नशा, अवैध घुसपैठ, दंगा, धर्मान्तरण और दुर्घटना मुक्त भारत कब बनेगा?
* सोशल मीडिया पर कब तक होता रहेगा नफरत और पोर्न का प्रचार?
* सड़क दुर्घटना, दंगे, व्याभिचार आदि के चलते कई बच्चे अनाथ हो रहे हैं किसे चिंता है इसकी?
* शहर और कस्बों में पुलिस, गुंडों और छुटभैये नेताओं की ही क्यों चलती है?
* तंबाखूबाज हर कहीं थूकने से और कचराबाज हर कहीं कचरा फेंकने से बाज क्यों नहीं आ रहे?
* शराब पिकर हंगामा करने वाले युवाओं पर कब लगेगी लगाम?

 
#
* क्या होती है धर्मनिरपेक्षता और तुष्टिकरण की नीति? क्या धर्म कभी निरपेक्ष हो सकता है?
* संसद और विधानसभा में बैठे नेता चिल्ला रहे हैं किसलिए? क्या यह जगह हंगामा करने के लिए है?
* 'अध्यक्ष महोदय जी! युग बदल गया है अब देश सामरिक ताकत से नहीं आर्थिक ताकत से चलता है।'...तब आपने सेना क्यूं रख रखी है?
* सत्ता, राजनीति, मीडिया, शिक्षण संस्थान और सिनेमा जगत में बैठे देश के गद्दारों से कब निपटा जाएगा?
* संसद में बैठे नेताओं की सोच और गली में चौराहे पर खड़े नेता की सोच एक जैसी क्यूं है? 
* कितने नेताओं को मालूम है कि आजादी के आंदोलन में शहीद हो गए लोगों की कुल संख्‍या कितनी थी?
* प्रांतवाद, भाषावाद, जातिवाद आदि से कभी मुक्ति होगी भारत की राजनीति?
* कब होगा राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और काशीविश्वानाथ भूमि का निपटारा?
* कब खत्म होगा असमानता और नफरत को बढ़वा देने वाला आरक्षण?
* क्या इन 71 सालों में जीवन बेहतर और शांतिपूर्ण हो गया है? 
* क्या हमने तरक्की के नाम पर युवाओं के हाथों में मोबाइल, इंटरनेट, बाइक, सिगरेट, शराब की बोतल, धर्म और राजनीति के झंडा दे दिए हैं?
* फेसबुक, ट्वीटर और मार्कशीट टटोलने के बाद क्या आप समझते हैं कि भारत का युवा बहुत बुद्धिमान है?

 
#
* शिक्षा का केंद्रीयकरण करने में डर किस बात का?
* क्यों तलाक के मामले बढ़ गए हैं? कितनी महिलाओं को मिला है कानूनी हक?
* क्यों लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी हक दिया, क्या इसके लिए देशभर से पूछा गया था?
* क्यों भारत की भाषा, भूषा और भोजन को खत्म किया जा रहा है और क्यों पश्‍चिमी सभ्यता को बढ़ावा दिया जा रहा है?
* इतिहास को फिर से लिखे जाने में विवाद क्यों?
* बिजली, पानी, रोटी, सब्जी, कपड़ा और मकान कब होंगे सस्ते?
* लाखों टन अनाज क्यों सड़ रहा है और भूख से कब तक मरता रहेगा देश के बच्चा?
* हमारी नदियों के प्राकृतिक बहाव को रोककर क्यों सूखा दिया गया?
* हमारे देश भी भूमि के पहाड़ और जंगल क्यों लगातार काटे जा रहे हैं?
* समुद्र और नदियों से अंधाधुंड रेत खनन कर उनका अस्तित्व क्यों खत्म किया जा रहा है?
* क्यों नहीं भारत के प्राकृतिक संसाधनों को बचाया जा रहा है?
* हिमालय के ग्लेशियर क्यों पिघर रहे हैं?
* हमारे ही पशु-पक्षियों की अनेक प्रजातियों को मारकर उन्हें लुप्त प्राय क्यों बना दिया?
गौरय्या अब क्यों नहीं हमारे घर में आती है? 

 
#
* भारत में क्रांति क्यों नहीं होती?
* मरीजों को कब तक लुटते रहेंगे हमारे देश के अस्पताल?
* क्या हमारे पास नहीं है भविष्‍य की कोई योजना?
* क्या आजादी का यही मतलब है कि हम नए तरीके से गुलाम होने या विभाजित होने के रास्ते खोजें? 
* हर तरफ चक्काजाम, बाजार बंद, रेल, स्कूल, कॉलेज और सारे कार्यालय बंद, समूचा भारत आज बंद क्यों हैं?
*किसानों की हड़ताल, डॉक्टरों की हड़ताल, दूध-सब्जी वालों की हड़ताल, बैंककर्मियों की हड़ताल, टैक्सी, बस-ट्रकों की हड़ताल, आखिर ये हड़ताल कब तक चलेगी? 
*कब तक भारतवासी नकली भोज्य पदार्थों और नकली दवाइयों का सेवन करता रहेगा? तब तक, जब तक की हमारी नस्लें बर्बाद नहीं हो जाती?

#
* भारत आजादी के बाद भी एक चौराहे पर खड़ा नजर क्यों आता है? उसे किधर जाना चाहिए? इसीलिए भारत की जनता को धकेला गया उन-उन रास्तों पर जिन रास्तों को या तो विदेशियों ने बनाया था या जिनको बाजार ने बनाया। आज भी भारत खुद के बनाए हुए नहीं, दूसरों के बनाए हुए रास्तों पर धकेले जाने के लिए तैयार खड़ा है। आखिर क्यों? 

#
आजादी के 71 वर्ष बाद आज तक हम उन्हीं सभी समस्याओं से लड़ रहे हैं जो अंग्रेज हमें देकर गए थे। हमने कभी उन समस्याओं को हल करने की दिशा में कार्य नहीं किया बल्कि हमारे राजनीतिज्ञों ने भी वहीं किया जो अंग्रेज 200 वर्षों से करते आए थे। उन्होंने दो संप्रदायों के बीच फूट डालकर राज किया हमारे राजनीतिज्ञों ने भी यही किया। उन्होंने जातियों को बढ़ावा दिया और अगले और पिछड़े की भावना को विकसित किया, हमारे राजनीतिज्ञों ने भी उन्हीं का अनुसार किया। इस सब के चलते आजादी के आंदोलन, आजादी ने और आजादी के बाद के राजनीतिज्ञों की नीति ने ऐसे हजारों सवाल खड़े कर दिए हैं जिनका जवाब ढूंढा जाना चाहिए।

#
सवाल जारी है क्योंकि वे शाश्वत हैं...बदलती सरकारों के साथ बस जवाब बदलते रहते हैं लेकिन हल नहीं निकलता। इसी के चलते हाल बुरा होता जा रहा है। फिर भी उम्मीद है कि कोई तो होगा जो कहेगा कि मैं करूंगा समस्या का हल।
ये भी पढ़ें
Independence Day | संन्यासियों का विद्रोह, जिन्होंने दिया था 'वंदे मातरम्...' का नारा