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आज कुशोत्पाटनी अमावस्या : जानिए महत्व और मंत्र

आज कुशोत्पाटनी अमावस्या : जानिए महत्व और मंत्र - kushotpatni amavasya
आज कुशोत्पाटनी अमावस्या है। आज के दिन उखाड़ा गया कुश 1 वर्ष पर्यंत उपयोग में लाया जा सकता है। हमारे सनातन धर्म में कुशा को अत्यन्त पवित्र माना गया है। वैदिक परम्परा में पूजा, जप, श्राद्धकार्य इत्यादि के समय पवित्री धारण आवश्यक है। यह पवित्री 'कुशा' से बनाई जाती है। अमावस्या के दिन उखाड़ा गए कुश का एक मास तक उपयोग किया जा सकता है किन्तु कुशोत्पाटनी अमावस्या को उखाड़ा गया कुश 1 वर्ष तक शुद्ध व उपयोगी रहता है।
ऐसे करें कुशोत्पाटन-
 
कुश को उखाड़ने को कुशोत्पाटन कहा जाता है। इसके लिए स्नान के पश्चात् सफ़ेद वस्त्र धारणकर प्रात:काल कुशोत्पाटन के लिए प्रस्थान करें। 
 
कुशोत्पाटन करते समय (कुशा को उखाड़ते) अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। 
 
सर्वप्रथम "ॐ" कहकर कुश का स्पर्श करें फ़िर निम्न मन्त्र बोलकर प्रार्थना करें-
 
"विरन्चिना सहोत्पन्न परमेष्ठिनिसर्जन।
नुद सर्वाणि  पापानि दर्भ स्वस्तिकरो भव॥
 
इस प्रार्थना के पश्चात् हुँ फट् बोलकर कुश को उखाड़ें।
कौन सा कुश उखाड़ें-
 
कुश उखाड़ने से पूर्व यह ध्यान रखें कि जो कुश आप उखाड़ रहे हैं वह उपयोग करने योग्य हो। ऐसा कुश ना उखाड़ें जो गन्दे स्थान पर हो, जो जला हुआ हो, जो मार्ग में हो या जिसका अग्रभाग कटा हो, इस प्रकार का कुश ग्रहण करने योग्य नहीं होता है।

 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]
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