क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या...
हरियाली अमावस्या पर लगाएं वृक्ष
श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों का जश्न है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। गांवों में इस दिन मेले लगाए जाते हैं तो कहीं दंगल का आयोजन भी किया जाता है। कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने तथा मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए। इस बार यह त्योहार 6 अगस्त, मंगलवार को आ रहा है।वृक्षों में होता हैं देवताओं का वास
धार्मिक मान्यता अनुसार वृक्षों में देवताओं का वास बताया गया है। शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है। इसी प्रकार आंवले के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के विराजमान की परिकल्पना की गई है। इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है। पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी।