रविवार, 28 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. योग
  4. »
  5. योगासन
  6. बंध कोणासन से मूत्राशय को लाभ
Written By WD

बंध कोणासन से मूत्राशय को लाभ

Baddha Konasana | बंध कोणासन से मूत्राशय को लाभ
ND
बंध कोणासन। संस्कृत शब्द बंध का अर्थ होता है बंधन, बंधा हुआ। कोण अर्थात कोना या कार्नर। इस आसन को करने के बाद व्यक्ति की आकृति त्रिभुजाकार कोण की तरह हो जाती है। प्रस्तुत है यहां बंध कोणासन (Baddha konasana) की समान्य विधि।

अवधि/दोहराव : बंधकोणासन में आप तीस सेकंड से एक मिनट तक रह सकते हैं। इसे दो या तीन बार किया जा सकता है।

बंधकोणासन की विधि : पहले दोनों पैरों को सामने सीधे रखते हुए दंडासन में बैठ जाएं और मेरूदंड को सीधा रखें। अब श्वास छोड़ते हुए दोनों पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए पैरों के तलवों को एक-दूसरे से मिला दें।

इसके बाद दोनों हाथों की सभी अंगुलियों को एक-दूसरे से मिलाकर ग्रीप बनाएं तथा पैरों के पंजों को उसमें रखकर दबाएं। अब मेरूदंड और कंधे को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे आगे झुकें और ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। अब श्वांस को छोड़ दें।

कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहे फिर श्वास लेते हुए पुन: पहले की स्थिति में आ जाएं।

सावधानी : जिन्हें घुटनों, पेट या कमर में कोई गंभीर समस्या हो वह यह आसन न करें।

आसन लाभ : बंधकोणासन के नियमित अभ्यास से घुटने के हिस्सों में रक्त संचारित होता है। पैरों के अलावा, पेट, कमर और पीठ के निचले हिस्से तथा गुर्दे, प्रोस्टेट और मूत्राशय को स्वस्थ रख सकता है।