शनिवार, 12 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वीमेन कॉर्नर
  3. महिला दिवस
  4. The government is giving new wings to the power of tribal women
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 7 मार्च 2025 (18:43 IST)

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: जनजातीय महिलाओं की शक्ति को नई उड़ान दे रही सरकार

International Women's Day 2025
- संपत्तियां उइके
 
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में हुई प्रगति का मूल्यांकन करने और भविष्य की रणनीति तय करने का दिन भी है। भारत में महिला सशक्तिकरण की बात हो और जनजातीय महिलाओं की अनदेखी हो, यह संभव नहीं। जनजातीय महिलाएं अपनी सांस्कृतिक विरासत और संघर्षशील स्वभाव के लिए जानी जाती हैं, लेकिन लंबे समय तक वे विकास की मुख्यधारा से वंचित रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस स्थिति को बदलने का बीड़ा उठाया है।ALSO READ: महिलाएं धर्म के बारे में क्या सोचती हैं? पढ़िए देश की जानी-मानी महिलाओं के विचार
 
जब पूरी दुनिया महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है, तब भारत, विशेष रूप से मध्य प्रदेश सरकार, ने महिलाओं के उत्थान को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जनजातीय महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रही है। सरकार की विभिन्न योजनाएं न केवल उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी उनका सशक्तिकरण हो रहा है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जनजातीय एवं अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, जो सामाजिक न्याय और समानता को सशक्त कर रही हैं। सरकार की इन पहलों से जनजातीय महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक स्तर तेजी से सुधर रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि आदिवासी महिलाएँ केवल लाभार्थी ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और निर्णायक शक्ति बनें।
 
महिला सशक्तिकरण केवल व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज और राष्ट्र की उन्नति का आधार भी है। विशेष रूप से जनजातीय एवं अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और वित्तीय स्वतंत्रता से जोड़ना एक चुनौती रही है, जिसे भाजपा सरकार ने अवसर में बदला है। इस दिशा में कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं-
प्रधानमंत्री वन धन योजना – जनजातीय समुदाय की महिलाओं को वन उपज का उचित मूल्य दिलाने और स्वरोजगार के अवसर देने के लिए। स्टैंड अप इंडिया योजना – अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की महिलाओं को स्वरोजगार हेतु विशेष ऋण सहायता प्रदान करने के लिए। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना – विशेष रूप से जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, जिससे स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना – गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता देकर पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए, जिससे आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को लाभ मिला है।
 
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य की जनजातीय और अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कई प्रभावी योजनाएं चलाई हैं- मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना – महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए। मुख्यमंत्री आदिवासी महिला उद्यमिता योजना – जनजातीय महिलाओं को स्वरोजगार हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए। हर घर जल योजना – ग्रामीण एवं आदिवासी महिलाओं को जल संकट से राहत देने के लिए। पेसा अधिनियम – जनजातीय समाज की महिलाओं को ग्राम सभाओं में सशक्त भूमिका देने के लिए, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं।
आज जब पूरी दुनिया नारी शक्ति की बात कर रही है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज के सबसे वंचित वर्ग – जनजातीय एवं अनुसूचित जाति की महिलाएँ – विकास की मुख्यधारा से जुड़ें। भाजपा सरकार का संकल्प है कि हर महिला शिक्षित, स्वस्थ और आत्मनिर्भर बने। महिला सशक्तिकरण कोई एक दिन का अभियान नहीं, बल्कि सतत चलने वाली प्रक्रिया है। महिलाओं को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि निर्णय-निर्माता बनाना आवश्यक है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ समाज में उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
 
मैं खुद भी एक जनजातीय महिला हूँ और मेरा जीवन संघर्षों से भरा रहा है। ईंट-भट्टों में मजदूरी से लेकर सरपंच, जिला पंचायत अध्यक्ष, राज्यसभा सदस्य और अब मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने तक का सफर आसान नहीं था। लेकिन यह भारतीय जनता पार्टी का संगठनात्मक सशक्तिकरण ही है जिसने मुझे और हमारे समाज की लाखों महिलाओं को अवसर प्रदान किया।
 
भाजपा ने सदैव जनजातीय वर्ग को आगे बढ़ाया है। भाजपा ने ही द्रौपदी मुर्मू के रूप में भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को चुना, जो हमारे जनजातीय समाज के लिए गर्व की बात है। भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो हमारे उपेक्षित वर्ग को सम्मान और नेतृत्व देने का कार्य कर रही है।
 
इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, मैं सभी माताओं, बहनों और बेटियों से आह्वान करती हूँ कि वे सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाएँ। जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तो समाज और देश भी नई ऊंचाइयों को छुएगा।
 
(लेखिका मध्यप्रदेश सरकार की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री है)
ये भी पढ़ें
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: लैंगिक समानता के लिए करने होंगे प्रभावी प्रयास