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Written By संदीप श्रीवास्तव
Last Updated : मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017 (19:47 IST)

सख्त चुनाव आयोग, सहायक बना सोशल मीडिया

सख्त चुनाव आयोग, सहायक बना सोशल मीडिया - Election Commission social media
उत्तरप्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर इस बार चुनाव आयोग की सख्ती साफतौर पर नजर आ रही है। इस बार के चुनाव में किसी भी विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी अधिसुचना लगने के बाद से गांव, गली, मोहल्लों व चौराहों से इस बार प्रत्याशियों के पोस्टर, बैनर, झंडा व होल्डिंग्स गायब हैं। केवल स्टिकर्स ही घर-घर चिपकाकर काम चला रहे हैं, क्योंकि आयोग चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों पर नजर रखे हुए है। उनके खर्चों का विवरण भी आयोग के जांच के दायरे में है। इन्हीं व्यवस्था के बीच प्रदेश में तीन चरणों का मतदान भी संपन्न हो चुका है। 
इस बार के चुनाव में प्रत्याशियों को सबसे बड़ी समस्या जनसंपर्क के दौरान पार्टी का झंडा बैनर के बिना उन्हें दर-दर अपनी पहचान बतानी पड़ रही है, क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि सभी मतदाता नेताजी को जानते-पहचानते हों, किन्तु सोशल मीडिया से ने इनकी काफी समस्याओं का निराकरण हो रहा है और अब नेतागण भी इसका जमकर उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि सोशल मीडिया के सहारे विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के घर-घर के अंदर प्रवेश कर रहे हैं। 
इसी सोशल मीडिया ने ही अमेरिका में 2008 में बराक ओबामा को राष्ट्रपति बना दिया। इसके बाद सोशल मीडिया की पहचान दुनिया को हुई। भारत में भी 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राजनीति में सोशल मीडिया का चलन शुरू किया जिसके बाद से सोशल मीडिया सभी के लिए अतिआवश्यक हो गया और सभी इसे उपयोग में लिए हुए है। इस बार का विधानसभा चुनाव एक तरह से देखा जाए तो सोशल मिडिया के बलबूते ही लड़ा जा रहा है। सभी राजनीतिक दलों के लिए भी यह महत्वपूर्ण हो गया है। सोशल मीडिया के जरिए ही प्रत्याशी वॉट्सअप, फेसबुक व यूट्यूब के जरिए अपने मन की बात को मतदाता तक पहुचा रहे हैं। अब मतदाता को किसके मन की बात पसंद आती है। इसका पता 11 मार्च को लगेगा।
 
बाहुबली पर मुकदमा दर्ज : गोशाईगंज संवेदनशील विधानसभा है। इस विधानसभा में दो बाहुबली आमने-सामने है। पिछली विधानसभा 2012 में समाजवादी पार्टी के बाहुबली प्रत्याशी अभयसिंह ने बसपा प्रत्याशी इंद्राप्रताप तिवारी उर्फ़ खब्बू को रिकॉर्ड मतों से हराकर इस विधानसभा पर जीत दर्ज की थी। इस बार की विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने अपने बाहुबली विधायक अभयसिंह को इस बार भी प्रत्याशी बनाया है। 
 
पिछले विधानसभा में बसपा प्रत्याशी इंद्रा प्रताप तिवारी उर्फ़ खब्बू ने बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन भाजपा ने अपना मुख्य प्रत्याशी तो नहीं बनाया, लेकिन समझौते में अपना दल को मिली इस सीट से अपना दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं और दोनों की प्रतिद्वंद्वी सामने गई सपा प्रत्याशी अभयसिंह पर आरोप लगते हुए हैदरगंज थाने में केश दर्ज कराया गया है। उन्होंने भाजपा व अपना दल समर्थित प्रत्याशी के प्रचार  वाहन की तोड़-फोड़ की व मारपीट की। इसकी शिकायत प्रचार वाहन के ड्राइवर ने की। इसके बाद उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
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