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Last Updated :इंदौर , गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018 (18:54 IST)

'जलेबी' जैसा है अरुण जेटली का बजट

'जलेबी' जैसा है अरुण जेटली का बजट - Jaitley budget
इंदौर के वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्थिक विशेषज्ञ रितेश जैन ने अरुण जेटली के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट लोकलुभावन नहीं है, बल्कि जलेबी जैसा है। अर्थात सरकार ने चीजों को गोल-गोल घुमाया है। एक हाथ से दिया है तो दूसरे हाथ से ले भी लिया है।
 

उन्होंने कहा कि आयकर छूट नहीं बढ़ाकर सरकार ने मध्य वर्ग खासकर नौकरी पेशा वर्ग को निराश किया है। इसके साथ एजुकेशन सेस 3 से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है। इसका भार भी इसी वर्ग पर पढ़ना है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की चर्चा हुए जैन ने बताया कि इससे मध्य वर्ग को खास फायदा नहीं होगा, लेकिन पेंशनर के लिए जरूर यह फायदे वाली बात है। 
   
जैन ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी निश्चित ही अच्छा कदम है। यह टैक्स 30 से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है, लेकिन लांग टर्म कैपिटन गेन को हटाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बजट लोकलुभावन नहीं कहा जा सकता। बजट थोड़ा खट्‍टा और थोड़ा मीठा है। कुल मिलाकर मेरी नजर में ठीक है। 
 
अनुमान जो सही साबित हुए : वेबदुनिया से बातचीत करते हुए अपने पिछले वीडियो में रितेश जैन ने अनुमान व्यक्त किया था सरकार लांग टर्म कैपिटल गेन हटाने का विचार कर रही है, लेकिन उसे ऐसा न करते हुए अवधि बढ़ाना चाहिए, लेकिन सरकार ने कैपिटल गेन को हटा दिया।

इसके साथ जैन ने कहा था कि कॉर्पोरेट टैक्स अमेरिका की तर्ज पर घटाकर 25 फीसदी तक ले आना चाहिए। हकीकत में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स 30 से घटाकर 25 फीसदी कर दिया। रितेश जैन के दोनों ही अनुमान सही साबित हुए।