अमेरिकी खिलाड़ी सौरभ नेत्रवलकर 10 साल बाद रोहित सूर्य से मिले, भारत के लिए खेल चुके हैं
IND vs USA : सूर्या, रोहित से 10 साल के बाद मिलना खास रहा: Saurabh Netravalkar
Saurabh Netravalkar meets Suryakumar Yadav and Rohit Sharma : अपनी गेंदबाजी से भारत के दिग्गज बल्लेबाजों को परेशान करने के बाद बायें हाथ के अमेरिकी तेज गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर मुंबई टीम के अपने पुराने साथी रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव से मिलकर काफी खुश थे।
भारत में जन्में इस तेज गेंदबाज ने अपने शुरुआती दो ओवर में विराट कोहली और रोहित के विकेट चटकाए थे। उन्होंने इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ भी शानदार गेंदबाजी कर टीम को सुपर ओवर में रोमांचक जीत दिलाई थी।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) नेत्रवलकर ने Under 19 World Cup (2010) में भारतीय टीम के लिए खेलने के अलावा सूर्यकुमार के साथ मुंबई का प्रतिनिधित्व किया है।
नेत्रवलकर ने भारत के खिलाफ मैच में चार ओवर में 18 रन खर्च कर दो विकेट लिये लेकिन यह अमेरिका को सात विकेट की शिकस्त से बचाने के लिए काफी नहीं था।
नेत्रवलकर ने मैच के बाद मीडिया से कहा, मैं उनसे एक दशक से अधिक समय के बाद मिला। यह विशेष था। हम पुराने दिनों को याद कर रहे थे क्योंकि हम बचपन से ही अंडर-15, अंडर-17 में साथ खेलते थे। ऐसा लगा जैसे हम वहीं से आगे बढ़ रहे हैं जहां से हमने छोड़ा था। हम उस समय के चुटकुले, अनौपचारिक बातचीत और ड्रेसिंग रूम के मजाक के बारे में बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, मैच के बाद मैंने रोहित से भी बातचीत की,वह मुंबई में मेरे सीनियर थे। मैं उनके साथ खेल चुका हूं। मैंने विराट के साथ ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन उन्होंने हमारे प्रयासों की सराहना की। यह अच्छा है उन्हें हमारी टीम में क्षमता दिखती है।
Oracle कंपनी में काम करने वाले इस 32 साल के खिलाड़ी ने अंडर-19 विश्व कप खेलने के बाद छात्रवृत्ति मिलने पर प्रतिष्ठित कॉर्नेल विश्वविद्यालय में उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका जाने का फैसला किया।
अमेरिका आने पर उनकी क्रिकेट यात्रा पर थोड़ा अल्पविराम लगा लेकिन उन्होंने खेल को फिर से शुरू किया और अमेरिकी टीम के अहम सदस्य बन गये।
टी20 विश्व कप में शानदार सफलता के बारे में पूछे जाने पर इस खिलाड़ी ने कहा, मैं अब भी इस सफलता का लुत्फ उठा रहा हूं। पिछले दो मैच काफी बड़े रहे हैं। मुझे खुशी है कि हमने एक इकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया है। परिस्थिति चाहे जो भी हो, हमेशा खुश रहना है।
नेत्रवलकर का परिवार अब भी भारत में है।