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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 2 मार्च 2012 (19:25 IST)

पक्षाघात से पीड़ित दीपा मलिक के बुलंद हौसले

पक्षाघात से पीड़ित दीपा मलिक के बुलंद हौसले -
FILE
लकवे के कारण व्हीलचेयर पर निर्भर दीपा मलिक की नजरें तीसरी बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्‍स में नाम दर्ज कराने के बाद अब आगामी लंदन परालम्पिक खेलों में पदक पर लगी है।

दीपा हाल ही में मोटरगाड़ी से पहुंची जा सकने वाली दुनिया की सर्वोच्च सड़क पर पहुंचने वाली शरीर के निचले हिस्से में पक्षाघात से प्रभावित पहली महिला बन गई। छाती के नीचे पक्षाघात के बावजूद 42 बरस की मलिक अपनी टाटा सफारी कार से खारदुंग ला तक पहुंच गई।

खारदुंग ला 5359 मीटर ऊंचाई पर जम्मू कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में स्थित है और दुनिया के सर्वोच्च दर्रो में से एक है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्‍स की एक वरिष्ठ अधिकारी आर्थी मुथन्ना सिंह ने इस महिला के साहस की काफी प्रशंसा की है।

दिल्ली से शुरू करके 3000 किलोमीटर का दुर्गम सफर 10 दिन में पूरा किया। उन्होंने कहा कि जिंदगी विकलांगता से खत्म नहीं होती। विकलांगता दिमाग की एक स्थिति है।

दो लड़कियों की मां दीपा बाइकिंग, तैराकी, कार रैली, शॉट पुट, चक्काफेंक और भालाफेंक में विकलांग वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। (भाषा)