माफ कर देना मुझे
प्यार निभा न सकी मैं
कुलवंत हैप्पी मुझे माफ कर देनाउतर सकी न पूरी तेरी मुहब्बत के क्षितिज परहाँ, मुझे ले बैठा लज्जा, शर्म और बदनामी का डरजो किए थे वादे निकलेरेत के टीलेया पानी पे खींची लकीरजो तुम समझोक्षमा चाहती हूँ,जो, तेरे लिएजमाने से मैं लड़ न सकीकदम से कदम औरकंधे से मिला कंधासाथ तेरे खड़े न रह सकीबेवफा, खुदगर्जधोखेबाजजो चाहे देना नाम मुझेलेकिन याद रखनारिश्ता तोड़ने से पहले कई दफाखुद भी टूटी हूँ मैं मजबूरियों, बेबसियों के आगे टेक घुटनेमाँ बाप के लिएबन गोलक फूटी हूँ मैं तेरा सामना कर सकूँहिम्मत न इतनी जुटा पाई मैंहर बार की तरहअब भी समझ लेनामेरी बेबसीलाचारी कोजो बोलकर न सुना पाई मैं।