काश! प्यार की शमा जला पाते
तन्हाइयों के इस अँधेरे में, काश, प्यार की शमा वह जला पाते, इस दिल ने जिसे खोया है, वह सुनहरा ख्वाब फिर लौटा जाते..। समझने- समझाने को पीछे छोड़करसिर्फ दिल के अरमानों को वह जान पाते, ना पीते यह जाम हम गिन-गिनकर, अगर जुदाई की प्यास वह बुझा जाते..।रूठ के जाना उनका हमारी जान ले गया, बेहतर रहता कि वह करीब ही ना आते, खता हुई भी है तो क्या हमसे ?काश, आखिरी वक्त वे जरूर बतला जाते..।