प्राचीन प्रतिकाशी मंदिर
श्रीकेदारेश्वर मंदिर के प्रतिकाशी
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विकास शिरपुरकरप्रत्येक हिन्दू की ये इच्छा होती है कि अपने जीवनकाल में एक बार काशी दर्शन का लाभ अवश्य ले और अगर जीते जी यह संभव न हो सका तो कम से कम मृत्यु पश्चात अस्थियाँ काशी ले जाकर वहाँ गंगा जैसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दी जाए। परंतु एक तीर्थस्थल ऐसा भी है जहाँ जाना काशी यात्रा से कम नहीं। तो चलिए धर्मयात्रा की कड़ी में इस बार हम आपको लेकर चलते हैं 'प्रतिकाशी' मंदिर।फोटो गैलरी देखने के लिए क्लिक करेंमध्यप्रदेश और गुजरात राज्य की सीमा पर नंदूरबार जिले में यह मंदिर स्थित है। प्रकाशा, ताप्ती, पुलंदा और गोमाई नदी के इस संगम पर शिव के 108 मंदिर होने की वजह से यह 'प्रतिकाशी' के नाम से भी जाना जाता है।