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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 30 अप्रैल 2024 (15:54 IST)

कर्नाटक को जल सकारात्मक बनाने की विशेष पहल: आर्ट ऑफ लिविंग की एक्वाक्राफ्ट के साथ साझेदारी में सीएसआर फंड का शुभारंभ

कर्नाटक को जल सकारात्मक बनाने की विशेष पहल: आर्ट ऑफ लिविंग की एक्वाक्राफ्ट के साथ साझेदारी में सीएसआर फंड का शुभारंभ - Art of Living partners with Aqua Craft for Karnataka Water Positive
बेंगलुरु। कर्नाटक में पानी की मौजूदा कमी के कारण जल सकारात्मकता के प्रति एक समग्र और टिकाऊ दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसे देखते हुए, आर्ट ऑफ लिविंग और एक्वाक्राफ्ट ने सीएसआर पहल के माध्यम से 'कर्नाटक वाटर पॉजिटिव' पहल के लिए 500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस निधि का उपयोग "कर्नाटक वाटर पॉजिटिव" कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा, जो कि भारत के कर्नाटक में जल की कमी को दूर करने और स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित एक अभूतपूर्व प्रयास है।
आर्ट ऑफ़ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स के अध्यक्ष श्री प्रसन्ना प्रभु ने बताया, 'हमारी व्यापक विशेषज्ञता और एक्वाक्राफ्ट के पर्यावरण के प्रति जागरूक हस्तक्षेप मानवता के सामने आने वाली इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक शक्तिशाली साझेदारी बनाते हैं। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर जी ने अपनी दूरदर्शिता से दो दशक पहले इस चुनौती को पहचाना और बहुत पहले हमें एक अनूठी अंतर्दृष्टि प्रदान की।' 
 
लॉन्च की घोषणा 'जल पर चर्चा' कार्यक्रम में की गई; जिसे एक्वाक्राफ्ट द्वारा बॉश, द आर्ट ऑफ लिविंग, यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया, दुनिया के पहले डिजिटल वॉटर बैंक- एक्वेरियम और लियो बर्नेट के सहयोग से आयोजित किया गया।
Art of Living
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'एक्वाक्राफ्ट और एक्वेरियम' के संस्थापक डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा, 'इस तरह की समस्या के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। जब तक पानी को बीएस में परिसंपत्ति के रूप में नहीं रखा जाता, तब तक जल संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता नहीं होगी।' वहीं, श्री राजेंद्र नाथ गोस्वामी- ऑटोमोटिव, डिजिटल इंजीनियरिंग और सस्टेनेबिलिटी, बॉश ने कहा, 'एक विषय के रूप में पानी नया नहीं है, लेकिन जब पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता की बात होती है, तो यह काफी चुनौतीपूर्ण होता है।'
यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट इंडिया नेटवर्क के क्रिएटिव डायरेक्टर श्री रत्नेश झा ने फॉरवर्ड फास्टर इनिशिएटिव- एजेंडा 2030 का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा, 'अभी हम पीछे जा रहे हैं, आगे नहीं बढ़ रहे हैं।'
 
यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा किए गए गहन जमीनी शोध और आधारभूत सर्वेक्षणों का उपयोग करता है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से वर्षा जल संचयन और सीवेज उपचार, पुनर्चक्रण और भूजल पुनर्भरण के संयोजन के माध्यम से जल निकायों को पुनर्जीवित करना है। उपचारित सीवेज को कीटाणुरहित किया जाता है और प्रतिदिन छोड़ा जाता है, जिससे वर्षा के बावजूद निरंतर पुनःपूर्ति सुनिश्चित होती है।
एक्वाक्राफ्ट ग्रुप वेंचर्स के गवर्नर सी. श्रीधर ने साझा किया, कर्नाटक के लिए हमारा मंत्र है "नम्मा नीरू नमगे" जिसका अर्थ है 'हमारा पानी हमारे लिए'। हमारे द्वारा खपत किया जाने वाला लगभग 72% पानी सचमुच नाली में चला जाता है।" उन्होंने आगे बताया, 'कम परिचालन लागत, मॉड्यूलर इंस्टॉलेशन संरचनाओं के साथ हरित प्रौद्योगिकी को अपनाना, किसी भी रासायनिक उपचार का उपयोग किए बिना गुरुत्वाकर्षण पर काम करना, 90% से अधिक उपचारित पानी को पुनर्प्राप्त करना आदि "बाजार में जाने की कार्य योजना" है।
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