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Last Updated : शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014 (19:21 IST)

फडनवीस बने महाराष्ट्र के पहले भाजपाई मुख्‍यमंत्री

फडनवीस बने महाराष्ट्र के पहले भाजपाई मुख्‍यमंत्री - फडनवीस बने महाराष्ट्र के पहले भाजपाई मुख्‍यमंत्री
मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा की पहली सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस ने आज भव्य समारोह में शपथ ली, जिसमें अंतिम समय में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पहुंचने से दोनों भगवा दलों के बीच निकटता फिर से बढ़ने की संभावना बढ़ गई।
 
राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में 44 वर्ष के फडणवीस को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जो तीसरी बार विधायक बने हैं और राज्य के दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं। 
 
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्र सरकार के अनेक कैबिनेट मंत्रियों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी आदि उपस्थित थे।
 
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों वसुंधरा राजे (राजस्थान), आनंदीबेन पटेल (गुजरात), मनोहर पार्रिकर (गोवा), रमन सिंह (छत्तीसगढ़) तथा मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा) और भाजपा के सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश) तथा प्रकाश सिंह बादल (पंजाब) ने भी समारोह में भाग लिया।
 
समारोह में सात कैबिनेट मंत्रियों और दो राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली, जिसके साक्षी बॉलीवुड समेत अन्य कई क्षेत्रों के जानेमाने लोग भी बने। फडणवीस की बैंकर पत्नी अमृता इस दौरान उपस्थित थीं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से आखिरी समय में फोन जाने के बाद अपनी पत्नी के साथ समारोह में भाग लिया। 
 
इससे पहले उनकी पार्टी ने सरकार गठन से पहले भाजपा पर ‘लगातार अपमानित’ करने का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया था। समारोह में ठाकरे की मौजूदगी से संकेत मिला कि विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर टूट गया दोनों दलों का गठजोड़ फिर से शक्ल ले सकता है।
 
समारोह में सभी की नजरें मोदी और उद्धव पर थीं, जिन्होंने हाथ मिलाये और एक दूसरे से कुशलक्षेम पूछा। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 121 विधायकों के साथ फडणवीस अल्पमत सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, जिसे दो सप्ताह में बहुमत साबित करने को कहा गया है।  शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 41 विधायकों के साथ पहले ही नई सरकार को बाहर से समर्थन की पेशकश कर चुकी है।
 
राज्य के नए कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर एकनाथ खड़से, सुधीर मुनगंटीवार, विनोद तावड़े, पंकजा मुंडे (सभी भाजपा की प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य) तथा प्रकाश मेहता, चंद्रकांत पाटिल और विष्णु सवारा ने शपथ ली। राज्यमंत्रियों में दिलीप कांबले और विद्या ठाकुर हैं।
 
शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर और राधामोहन सिंह ने भी हिस्सा लिया। मराठा नेताओं के प्रभुत्व वाले महाराष्ट्र में फडणवीस दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले शिवसेना के मनोहर जोशी इसी समुदाय से थे।
 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी फडणवीस राज्य के 27वें मुख्यमंत्री बने हैं और इस पद पर काबिज होने वाले 18वें व्यक्ति हैं। 
 
वह मुख्यमंत्री बनने वाले विदर्भ क्षेत्र के चौथे नेता हैं। महाराष्ट्र में जब भाजपा ने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों में जबरदस्त सफलता प्राप्त की तो फडणवीस ही पार्टी की कमान संभाल रहे थे।
 
उद्धव ठाकरे केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के साथ बैठे थे और शांत दिखे लेकिन शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद वह मोदी के साथ हाथ मिलाकर हालचाल पूछते और मुस्कराते दिखाई दिए।
 
शिवसेना सांसद विनायक राउत ने बताया, ‘भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धवजी को फोन करके आमंत्रित किया जिसके बाद वह देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण में शामिल हुए।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘अमित शाह ने उद्धवजी को नयी सरकार में शिवसेना की भागीदारी पर सकारात्मक फैसले का आश्वासन भी दिया और हमें उम्मीद है कि जब बातचीत होगी तो सकारात्मक परिणाम निकलेगा।’ बहरहाल अभी साफ नहीं हुआ है कि दोनों दलों के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर परस्पर स्वीकार्य सहमति पर पहुंचने के लिए बातचीत कब होगी।
 
राज्यपाल राव ने फडणवीस को शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक गोविंद राठौड़ के निधन के बाद सदन में पार्टी के सदस्यों की संख्या 121 रह गई है, लेकिन पार्टी ने सभी सात निर्दलीय विधायकों और कुछ छोटे दलों के सदस्यों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया है।
 
राकांपा ने कहा है कि अगर शक्ति परीक्षण के दौरान शिवसेना विपक्ष में बैठती है तो वह मतदान में हिस्सा नहीं लेगी। इससे फडणवीस को आसानी से बहुमत साबित करने में मदद मिलेगी।
 
हालांकि सदन में 145 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए फडणवीस के सामने 63 सदस्यीय शिवसेना को साथ में लेकर चलने का विकल्प सबसे बढ़िया समझा जा रहा है। (भाषा)