शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
Written By भाषा
Last Updated :मुंबई , सोमवार, 1 सितम्बर 2014 (20:51 IST)

कांग्रेस कार्यकर्ता राकांपा से नाखुश-चव्हाण

कांग्रेस कार्यकर्ता राकांपा से नाखुश-चव्हाण -
FILE
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की अधिक सीटों की मांग को लेकर सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस-राकांपा के बीच बातचीत पर बने गतिरोध के मध्य रविवार को कहा कि वे गठबंधन तोड़ने के खिलाफ हैं लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं को राकांपा की भाव-भंगिमा कांग्रेस विरोधी लग रही है।

एक साक्षात्कार में चव्हाण ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम 15 साल पुराना गठबंधन तोड़ना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता सरकार में और चुनाव के दौरान राकांपा की भूमिका से नाखुश है।

उन्होंने कहा कि वे हमारी संभावना पर पानी फेरने के उद्देश्य से निर्दलीय उम्मीदवार उतारने के लिए जाने जाते हैं। हमारे कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी भाव-भंगिमा कांग्रेस विरोधी है।

उपमुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजीत पवार समेत राकांपा के कई शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में राकांपा के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 144 सीटों की मांग की है।

राकांपा ने लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 सीटों में से 4 पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस के खाते में केवल 2 सीटें आईं। यह सत्तारूढ़ गठबंधन का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है।

चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान द्वारा राज्य नेतृत्व से सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत पर फैसले के लिए कहे जाने के बाद उन्होंने राकांपा नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत की। इस बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को चव्हाण के करियर का सबसे मुश्किल चुनाव माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर में होने वाले चुनाव में उनके खुद के नेतृत्व कौशल की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व कौशल की परीक्षा होगी।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव मेरी और साथ ही प्रधानमंत्री की नेतृत्व क्षमताओं की महत्वपूर्ण परीक्षा है। अगर भाजपा ने खराब प्रदर्शन किया तो इसका असर उनके (मोदी) नेतृत्व पर पड़ेगा और लोग कहेंगे कि लोकसभा चुनाव में जीत केवल एक छोटे समय के लिए मिली सफलता थी।

68 वर्षीय मराठा नेता को यह भी लगता है कि प्रशासन का बहुप्रचारित गुजरात मॉडल सिर्फ नारे तक ही सीमित है और कांग्रेस-राकांपा के शासन के 15 साल के दौरान महाराष्ट्र में उसके पड़ोसी राज्य की तुलना में अधिक विकास हुआ है इसीलिए राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन का प्रदर्शन विधानसभा चुनावों में बेहतर ही होगा। (भाषा)