• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. VYPAM scam Madhya pradesh
Written By
Last Updated :भोपाल , शुक्रवार, 8 मई 2015 (17:38 IST)

व्यापमं घोटाला, एक और आरोपी की मौत

व्यापमं घोटाला, एक और आरोपी की मौत - VYPAM scam Madhya pradesh
भोपाल। व्यापमं घोटाले का एक मुख्य आरोपी छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के एक लॉज में रहस्यमय स्थिति में मृत मिला।
 
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि विजय सिंह का शव 28 अप्रैल को मिला। वह मध्यप्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला था और शाजापुर जिला जेल में बतौर फार्मासिस्ट तैनात था।

इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसटीएफ) ने व्यापमं घोटाले से जुड़े 3 मामलों में उसे गिरफ्तार किया था तब से वह निलंबित था। सिंह को बाद में एक मामले में छोड़ दिया गया। उसे इस साल फरवरी में जमानत पर रिहा किया गया था और एसटीएफ ने 17 अप्रैल को तलब किया था।

सिंह की मौत के साथ ही व्यापमं घोटाले में रहस्यमय स्थिति में मरने वाले आरोपियों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। उनमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव भी शामिल हैं।

कांकेर के थाना प्रभारी दीनबंधु उइके ने कहा कि हमें कांकेर के एक लॉज के एक कमरे में सिंह का शव मिला। मामले की जांच हो रही है और हमें इस संबंध में उसके परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज करना है। हालांकि सिंह के भाई ने अपने भाई की रहस्यमय मौत की जांच की मांग की है।

सिंह के शिक्षक भाई अभय सिंह ने इलाहाबाद के समीप उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित शंकरगढ़ से कहा कि विजय सिंह का शव 28 अप्रैल को कांकेर के एक लॉज में मिला। कमरे से कोई जहरीला पदार्थ नहीं मिला, ऐसे में संदेह पैदा होता है कि यह रहस्यमय मौत है।

अभय ने दावा किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके शरीर में जहर मिला जबकि पुलिस को लॉज में उसके कमरे से कोई ऐसी सामग्री या सुसाइड नोट नहीं मिला। अपने भाई की रहस्यमय मौत की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए अभय ने कहा कि वे इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछली बार मैंने 16 अप्रैल को बातचीत की थी और उस वक्त वह रायुपर स्टेशन पर था। बाद में उसने भोपाल में अपने वकील को फोन कर बताया कि वह 1-2 घंटे में पहुंचेगा लेकिन वह वहां कभी नहीं पहुंचा तथा तब से उसका मोबाइल नंबर बंद रहा और उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया।

लॉज के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि विजय पहली बार 24 अप्रैल को और दूसरी बाद 27 अप्रैल को वहां पहुंचा था और उसने यह कहते हुए कर्मचारियों से जल्दी जगाने को कहा था कि उसे भोपाल जाने वाली ट्रेन पकड़नी थी।

अभय ने कहा कि लेकिन 28 अप्रैल को जब उसने सुबह में दरवाजा नहीं खोला तब लॉज के कर्मचारियों ने पुलिस को खबर दी। (भाषा)