यूपी पुलिस के सर्कुलर पर शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने जताई कड़ी आपत्ति, कार्रवाई की मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जहां कावड़ यात्रा पर रोक लगाई थी तो वहीं अब मोहर्रम पर भी रोक लगा दी गई है, लेकिन मुहर्रम पर लगाई गई रोक को लेकर पुलिस की तरफ से जारी किए गए आदेश को लेकर यूपी में विवाद उत्पन्न हो गया है और जारी पुलिस के सर्कुलर पर मजलिसे-ए-उलेमा-ए-हिंद ने कड़ी आपत्ति जताई है।
जिसको लेकर लखनऊ में देर शाम प्रेस वार्ता करते हुए मजलिसे-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव और वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने अपने आवास पर कहा कि मुहर्रम हमारा पवित्र महीना है, जिसमें बहुत ही शांतिपूर्ण और पवित्र कार्यक्रम होते हैं।
पुलिस प्रशासन ने सर्कुलर के माध्यम से मुहर्रम और शिया समुदाय की छवि खराब करने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। डीजीपी उत्तर प्रदेश ने मुहर्रम की भावना को समझे बिना यह सर्कुलर जारी किया है,जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने सर्कुलर में लिखा है कि मुहर्रम के जुलूसों में तबर्रा पढ़ा जाता है।जिसका अन्य समुदायों के लोगों द्वारा विरोध किया जाता है और जुलूस में शरारती तत्व शामिल होते हैं।
मौलाना ने कहा कि डीजीपी का यह बयान मुहर्रम को बदनाम करने की साजिश और शिया व सुन्नियों के बीच नफरत पैदा करने के लिए है। मुहर्रम एक पवित्र और गम का महीना है, जिसमें शिया और सुन्नी दोनों इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाते हैं। हिंदू भी इसमें शामिल होते हैं और गम मनाते हैं।
मौलाना ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश के डीजीपी का बेहद अपमानजनक बयान है। इसे पढ़कर ऐसा लगता है जैसे यह बयान अबू बकर बगदादी और ओसामा बिन लादेन ने जारी किया हो।मौलाना ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।