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Last Updated :मुंबई , शनिवार, 18 अप्रैल 2015 (20:24 IST)

दुर्घटना के बाद भागे नहीं थे सलमान :वकील

दुर्घटना के बाद भागे नहीं थे सलमान :वकील - Salman Khan
मुंबई। अभिनेता सलमान खान के वकील ने शनिवार को अभियोजन पर यह झूठी कहानी गढ़ने का आरोप लगाया कि उपनगरीय बांद्रा में एक बेकरी में उनकी कार घुसने के बाद वह मौके से भाग गए थे। 28 सितंबर 2002 की इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।
 
बचाव पक्ष के वकील श्रीकांत शिवदे ने सत्र न्यायाधीश डीवी देशपांडे के समक्ष अपनी आखिरी दलील में कहा, 'खान कुछ समय के लिए मौके पर मौजूद थे जैसा कि अभियोजन के गवाह ने खुलासा किया है।'
 
शिवदे ने बताया कि गवाह ने कहा कि दुर्घटना के बाद खान वहां पांच से 10 मिनट के लिए खड़े थे और फिर चले गए।
 
शिवदे ने बचाव पक्ष के गवाह अशोक सिंह के साक्ष्य का भी जिक्र किया जिसने कहा कि अभिनेता कुछ देर के लिए मौके पर रहे। सिंह खान के परिवार के चालक थे।
 
उन्होंने बताया कि खान बांद्रा के गैलेक्सी अपार्टमेंट में अपने आवास पर मौजूद थे। उन्होंने कार डीलर और अभिनेता चंकी पांडे के भाई चिंकी पांडे के बयान का हवाला देते हुए यह कहा। चिंकी ने ही कार सलमान को बेची थी।
 
उन्होंने बताया कि पांडे खान के घर सुबह (दुर्घटना के बाद) नौ बजे से साढ़े नौ बजे के बीच गए और उनके साथ थे।
 
सिंह ने बताया कि कार वह (सिंह) ही चला रहे थे न कि खान, इसलिए अभिनेता के भागने की कोई वजह नहीं है।
 
शिवदे ने खान के दोस्त और पड़ोसी फ्रांसिस फर्नांडीस के बयान पर भी भरोसा जताया जिन्होंने कहा था कि उसने दुर्घटना स्थल पर भीड़ से सलमान को अलग किया था। 
 
वकील ने कहा कि उनमें से कुछ लोग सरिया लिए हुए थे जबकि अन्य के हाथों में पत्थर थे। उन्होंने खान को एक कार में जाने की सलाह दी जिसे फर्नांडीस की पत्नी चला कर ले गई।
 
गौरतलब है कि सलमान गैर इरादतन हत्या के आरोप का सामना कर रहे हैं। न्यायाधीश ने कहा कि दलीलें सोमवार तक खत्म होंगी जब वह फैसले की घोषणा की तारीख तय करेंगे।
 
वकील शिवदे ने यह दलील भी दी कि अदालत को गवाह और खान के पुलिस बॉडीगार्ड रविंद्र पाटिल के साक्ष्य को ठुकरा देना चाहिए जो मामले का शिकायतकर्ता है। पाटिल की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई।
 
उन्होंने बताया कि पुलिस जब मौके पर पहुंची और पाटिल से दुर्घटना के बारे में पूछा तब वह चुप रहे। बाद में एक प्राथमिकी दर्ज की गई।
 
शिवदे ने बताया कि पाटिल ने आरोप लगाया कि खान शराब के नशे में थे और कार चला रहे थे। एक पुलिसकर्मी होने के नाते वह जानते हैं कि शराब पीकर वाहन चलाना गंभीर अपराध है।
 
उनसे जब दुर्घटना के बारे में पहली बार पूछताछ की गई तब उन्होंने पुलिस को खान की भूमिका के बारे में क्यों नहीं बताया? शिवदे ने बताया कि पाटिल ने मजिस्ट्रेट अदालत में पहली बार इस बात का खुलासा किया कि सलमान शराब के नशे में थे जो पुलिस के बयान में पहले नहीं कहा गया था।
 
प्रौद्योगिकी के मामले पर बचाव पक्ष और अभियोजन के बीच अदालत में तीखी बहस हुई क्योंकि शिवदे अदालत कक्ष में एक टीवी लाए थे ताकि उस मार्ग को दिखा सकें जिस पर खान की कार दुर्घटना की रात ले जाई गई थी।

बचाव पक्ष के वकील ने एक वीडियो क्लिप भी दिखाई जिसमें एक ट्रक टायर फटने के बाद झटके से मुड़ गया। बचाव पक्ष का मामला यह है कि मौजूदा मामले में कार का टायर फटने के कारण ही दुर्घटना हुई। हालांकि, विशेष अभियोजक प्रदीप घरात ने वीडियो का इस्तेमाल किए जाने के उद्देश्य पर सवाल उठाया। शिवदे ने कहा कि वह इसे साक्ष्य के रूप में नहीं पेश कर रहे क्योंकि इसका उद्देश्य अदालत को परिस्थितियों के बारे में बताना था।
 
इस पर जब घरात ने न्यायाधीश डीवी देशपांडे से उनके द्वारा भी वीडियो दिखाने की इजाजत मांगी तब शिवदे ने कहा, 'उसके लिए वक्त खत्म हो गया है..आपने अंतिम दलील दे दी है।'
 
शिवदे ने दलील दी कि 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से खान के कार चलाने और अचानक ही दाई ओर मुड़ने की अभियोजन की कहानी काल्पनिक है। 
 
शिवदे ने दलील दी कि कार की बाईं ओर का अगला टायर फट गया था और नतीजतन यह बाईं ओर मुड़ गई तथा चालक ने नियंत्रण खो दिया। यह महज एक दुर्घटना थी और यह नहीं कहा जा सकता कि कोई अपराध किया गया।  (भाषा)