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Last Modified: शनिवार, 13 मई 2017 (13:01 IST)

मीडिया के न्यूजरूम पार्टी के मुख्यालय में बदल गए हैं : रवीश कुमार

मीडिया के न्यूजरूम पार्टी के मुख्यालय में बदल गए हैं : रवीश कुमार - ravish kumar
इंदौर। प्रसिद्ध पत्रकार रवीश कुमार ने कहा है कि सत्ता कभी जनता की दोस्त नहीं होती है। अभी तो वह वक्त चल रहा है, जब मीडिया की न्यूजरूम पार्टी के मुख्यालय के रूप में बदल गए हैं। वे आज यहां जाल सभागृह में अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे।
 
उन्होंने कहा कि हमारे देश के लिए सुपर पॉवर का वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक है। हिन्दुस्तानी होना ही अपने आप में एक पॉवर है। हम सभी को यह तय करना होगा कि हम देश को सुपर पॉवर नहीं बनाएंगे। देश को सुपर पॉवर बनाने का मतलब है कि देश में वीडियो प्रोग्रामिंग कल्चर को अपना लेना।
 
उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों पर प्राइमटाइम के नाम पर दर्शकों को गुस्सा परोसा जा रहा है। चैनल को देखने वाला दर्शक यह समझ नहीं पाता है कि आखिर चैनल का एंकर इतने गुस्से में क्यों है? यह गुस्सा देश की किसी समस्या को लेकर नहीं आता है बल्कि राजनीतिक मुद्दे को लेकर आता है। 
 
सीधे तौर पर देखा जाए तो यह गुस्सा विपक्ष को लेकर भरा हुआ होता है। इन चैनलों के माध्यम से गुस्से का राष्ट्रीयकरण किया जा रहा है। ये चाहते हैं कि गुस्से का जनमत बने ताकि फिर यह जनमत, दलमत के रूप में तब्दील किया जा सके। देश के नागरिकों की सोचने की शक्ति पर सुनियोजित तरीके से हमला किया जा रहा है।
 
कुमार ने कहा कि 'जय जवान, जय किसान' के नारे ने किसानों का सबसे ज्यादा अहित किया है। जिस दिन किसानों को यह बात समझ में आ जाएगी, उस दिन दृश्य बदल जाएगा। 
आज टीवी चैनलों की तो हालत यह है कि यदि आप सत्ता के साथ हैं तो वह आपके साथ है। प्राइमटाइम को जनमत का कंट्रोल रूम बना दिया गया है। हमारे देश में गाय को हमारी जरूरत है लेकिन आज हालत ऐसी हो गई है यदि गाय को लेकर कोई जाता हुआ दिखाई दे तो उसे मारो और कह दो कि मुसलमान था तथा गाय ले जा रहा था। 
 
हकीकत यह है कि सत्ता कभी भी जनता की दोस्त नहीं होती है। अब तो देश में नेता और बाबा में कोई अंतर नहीं रहा। जो बात बाबा करते थे वह बात अब नेता करने लग गए हैं। जिस तरह राजनीति में आने पर धन, कालेधन के रूप में बदल जाता है उसी तरह राजनीति से जुड़ने पर हमारा धर्म भी काले धर्म के रूप में तब्दील हो जाता है।
 
उन्होंने कहा कि आज मीडिया का न्यूजरूम राजनीतिक दल के मुख्यालय के रूप में तब्दील हो गया है। यही कारण है कि टीवी द्वारा नागरिकों को जानवर के रूप में बदला जा रहा है ताकि वे कभी भी दूसरे पर हमला कर दें।
 
हमारे देश में विनाश को विकास के नाम पर परोसने के लिए स्मार्टसिटी का नया प्रोजेक्ट लाया गया है। देश के कई शहरों में नए फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं तो कई शहरों में पुराने बने हुए फ्लाईओवर तोड़े जा रहे हैं। विकास में इस तरह का विरोधाभास लगातार चल रहा है।
 
इस कार्यक्रम का संचालन मनीषा गौर ने किया। अतिथि का स्वागत आनंद मोहन माथुर, अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष शिवाजी मोहिते, अशोक कोठारी, परवेज खान, विनय जैन व अरविंद तिवारी ने किया। अतिथि को स्मृति चिन्ह  पत्रकार हेमंत शर्मा ने भेंट किया। अंत में आभार प्रदर्शन शशीन्द्र जलधारी ने किया।
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