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Last Modified: जींद , सोमवार, 24 नवंबर 2014 (20:05 IST)

पाठ के नाम पर हजारों रुपए लेता था रामपाल

पाठ के नाम पर हजारों रुपए लेता था रामपाल - Rampal
जींद। ‘स्वयंभू संत’ रामपाल के बारे में रोज-रोज हो रहे खुलासों के बाद अब उसके शिष्य भी उसके कृत्यों को लेकर मुखर होने लगे हैं। रामपाल के शिष्यों ने खुलासा किया है कि वह पाठ करने के नाम पर लोगों से हजारों रुपए लेता था। ये खुलासा जींद में रहने वाले उसके भक्तों ने किया। रामपाल के शिष्य मंगतराम, इंद्रसिंह, सूरजभान, मंगल सिंह ने दावा किया कि रामपाल लोगों से पाठ करने के नाम पर नौ हजार रुपए लेता था और जोत के 600 रुपए अलग से लेता था।
 
इन लोगों ने दावा किया कि जीवन में सुख-शांति लाने के लिए भक्त सब करते थे। गुरु मर्यादा में रहना जरूरी है, ऐसा कहकर वह उन्हें हर बात मानने के लिए कहता था। उसका एक भाई महेंद्र पुलिस की नौकरी छोड़कर भक्तों की शंका समाधान करने की ड्यूटी करने लगा था। लोगों को एकत्र करने के लिए रामपाल ने आश्रम में सात दिवसीय सत्संग रखा और भक्तों को संदेश भेजे कि सभी गुरु मर्यादा को ध्यान में रखकर सत्संग में पहुंचें। उन्हें भी यह संदेश मिला था, लेकिन वे नहीं गए।
 
इन लोगों ने कहा कि रामपाल पाखंडी है, जो भक्ति की आड़ लेकर समाज को गुमराह कर रहा था। वह हमें ग्रंथों के प्रमाण दिखाकर अपने आप को पूर्ण संत बताता था। इसलिए आम लोग उसके भक्त बनने लगे और अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए उनके पास जाने लगे जबकि उन्होंने भक्त समाज को और जनता को लूटने का काम किया। (भाषा)