President's Rule Imposed In Uttarakhand, Congress Says Murder of Democracy
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Last Modified: नई दिल्ली ,
रविवार, 27 मार्च 2016 (16:25 IST)
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लोकतंत्र की हत्या : कांग्रेस
नई दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को आज ‘लोकतंत्र की हत्या’ और ‘असंवैधानिक’ करार दिया तथा कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार चुनी हुई सरकारों को गिराने पर उतारू है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने उत्तराखंड में पार्टी की सरकार को हटाये जाने के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भाजपा लोकतंत्र में भरोसा नहीं रखती।
कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी ने कहा, 'यह हैरानी की बात नहीं है। केन्द्र सरकार की वास्तविक इच्छा अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से छोटे राज्यों में चुनी गई सरकारों को गिराने की है।
उन्होंने कहा, 'हर कदम पर, संवैधानिक नियम तोड़े गए। राज्यपाल ने उस तरह की रिपोर्ट नहीं भेजी थी जैसी बागी कांग्रेसी नेता विजय बहुगुणा और भाजपा चाहते थे। सब साफ दिखाई दे रहा है। अंबिका ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत कल विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देते।
कांग्रेस के पास उपलब्ध विकल्पों पर उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ बातचीत की प्रक्रिया में हैं कि आगे क्या सबसे सही संभावित रास्ता होगा।'
केंद्र ने एक विवादास्पद फैसले में उत्तराखंड में शासन की विफलता के आधार पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस में विद्रोह से उपजे संकट के बीच यह निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत घोषणा पर दस्तखत कर दिए जिसके साथ रावत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार बर्खास्त कर दी गई और विधानसभा निलंबन में आ गई।
कैबिनेट ने कल रात यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलाई थी। मोदी बैठक के लिए असम से अपनी यात्रा के बीच में से राजधानी लौटे थे। (भाषा)