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Last Updated : गुरुवार, 14 नवंबर 2024 (21:20 IST)

अक्षरधाम में भगवान स्वामीनारायण की नीलकंठ वर्णी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

Prana Pratishtha of idol of Lord Swaminarayan
Akshardham Temple Gandhi Nagar: गांधीनगर स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर में हाल ही में पूज्य महंत स्वामी महाराज के उपस्थिति में भगवान स्वामीनारायण के तपस्वी, युवा स्वरूप श्री नीलकंठ वर्णी महाराज की भव्य एवं अद्वितीय 49 फुट ऊंची धातु प्रतिमा की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की गई। यह प्रतिमा स्वामीनारायण भगवान के 49 वर्षों पृथ्वी पर तक रहने की याद दिलाती है।
 
श्री नीलकंठ वर्णी यह मूर्ति पंचधातु से निर्मित की गई है। श्री नीलकंठ वर्णी की एक शानदार 49 फुट की मूर्ति, भारत में अपनी आध्यात्मिक तीर्थयात्रा के दौरान भगवान स्वामीनारायण के किशोर रूप को दर्शाती है। 11 वर्ष की अल्पायु आयु में स्वामीनारायण ने घर का त्याग कर दिया था। फिर वे मानसरोवर से कन्याकुमारी और असम से गुजरात तक 12 हजार किलोमीटर की यात्रा पर निकल पड़े। उन्हें इस यात्रा को पूरा करने में सात साल लगे। स्वामीनारायण को नीलकंठ वर्णी के रूप में पूजा जाता है।
 
स्वामीनारायण भगवान ने मानसरोवर और मुक्तिनाथ में एक पैर पर खड़े होकर कठोर तपस्या की थी। इसी के सम्मान में स्वामीनारायण परंपरा के भक्त 200 से अधिक वर्षों से अपनी सुबह की पूजा में एक पैर पर खड़े ही करते हैं।