पूछपरख घटी, लगता है मान जाएंगे सिद्धू, दिल्ली की मुलाकात तय करेगी भविष्य
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर ज्यादा पूछपरख नहीं होने से ठंडे पड़ चुके हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही सिद्धू अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं।
सिद्धू आगामी 14 अक्टूबर को पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में उनके इस्तीफा वापस लेने की रूपरेखा तैयार हो सकती है। इस बात को इससे भी बल मिलता है कि सिद्धू के समर्थन में पिछले महीने मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रजिया सुल्तान सोमवार को यहां पंजाब कैबिनेट की बैठक में शामिल हुईं।
रावत ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़े कुछ संगठनात्मक मामलों को लेकर 14 अक्टूबर को शाम छह बजे मुझसे और वेणुगोपाल जी से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस महासचिव रावत के मुताबिक, यह मुलाकात वेणुगोपाल के कार्यालय में होगी।
उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे। उन्होंने पत्र में लिखा था कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं।
कांग्रेस आलाकमान ने अब तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि 14 अक्टूबर की बैठक के बाद कुछ बिंदुओं पर सहमति बनेगी और फिर सिद्धू अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं।
बैठक में शामिल हुईं रजिया : सिद्धू के समर्थन में पिछले महीने मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रजिया सुल्तान सोमवार को यहां पंजाब कैबिनेट की बैठक में शामिल हुईं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। एक अधिकारी ने बताया कि सुल्तान कैबिनेट की बैठक में शामिल हुईं।
हालांकि, पिछले महीने चन्नी को भेजे गए उनके त्यागपत्र पर अब भी कोई स्पष्टता नहीं है। सिद्धू द्वारा पिछले महीने पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा देने के बाद रजिया सुल्तान ने भी कैबिनेट मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। चन्नी को लिखे अपने त्यागपत्र में, सुल्तान ने कहा था कि उन्होंने सिद्धू के साथ एकजुटता के तहत कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
सुल्तान को सिद्धू का करीबी माना जाता है। उनके पति मोहम्मद मुस्तफा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी हैं तथा सिद्धू के प्रमुख रणनीतिक सलाहकार हैं।