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मोदी ने श्यामजी कृष्ण वर्मा का बहाली प्रमाण-पत्र आनंदी बेन को सौंपा

मोदी ने श्यामजी कृष्ण वर्मा का बहाली प्रमाण-पत्र आनंदी बेन को सौंपा - Narendra Modi, Shyamji Krishna Varma, Gujarat Chief Minister, Anandi Patel
भुज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां एक समारोह में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को भारतीय बैरिस्टर और राष्ट्रवादी नेता श्यामजी कृष्ण वर्मा को ब्रिटिश बार में मरणोपरांत बहाल किए जाने वाला प्रमाण-पत्र सौंपा।
मोदी को यह प्रमाण- पत्र पिछले महीने लंदन की यात्रा के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की उपस्थिति में सौंपा गया था। उन्होंने भुज एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित समारोह में कहा कि ब्रिटेन द्वारा हमारी आजादी की लड़ाई के इतिहास में केवल दो लोगों पर पाबंदी लगाई गई, एक महात्मा गांधी और दूसरे श्यामजी कृष्ण वर्मा। 
 
मोदी ने गुजराती में कहा कि ब्रितानियों ने 1998 में महात्मा गांधी की मरणोपरांत बहाली का प्रमाण-पत्र दिया लेकिन श्यामजी का क्या हुआ, किसी ने उनका ख्याल नहीं रखा, वे कच्छ की धरती के पुत्र थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे हालिया दौरे के दौरान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की सरकार के प्रयासों के कारण, उनकी बहाली का प्रमाणपत्र जारी किया गया।
 
ब्रिटिश शासन से आजाद होने के भारतीयों के अधिकार से जुड़ा एक पत्र ‘द टाइम्स’ में प्रकाशित होने के बाद ‘लंदन आनरेबल सोसायटी आफ द इनर टेंपल’ने बैरिस्टर न रहने लायक आचरण पर वर्मा पर पाबंदी लगा दी थी। लगभग एक सदी बाद सोसायटी ने इस राष्ट्रवादी नेता की बहाली की है।
 
मोदी ने कहा कि श्यामजी कृष्ण वर्मा साधारण क्रांतिकारी नहीं थे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार की नाक के नीचे लंदन में ‘इंडिया हाउस’स्थापित किया और देश की आजादी की वकालत करने वाले अखबार प्रकाशित किये। वर्मा ने भारत की आजादी के लिए शस्त्र क्रांति में भरोसा किया। 
 
ब्रिटिश अधिकारियों ने वर्ष 1905 में उनका बार प्रमाणपत्र वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं यह प्रमाण- पत्र वापस लेकर आया। इस प्रमाण-पत्र को कच्छ के बंदरगाह शहर मांडवी में वर्मा की याद में बने स्मारक ‘क्रांति तीर्थ’ में रखा जाएगा जहां उनका 1857 में जन्म हुआ था।
 
वर्ष 2010 में मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मांडवी में क्रांति तीर्थ स्मारक का उद्घाटन किया था। वर्मा का जिनेवा में 30 मार्च 1930 को निधन हुआ था। स्मारक उत्तरी लंदन में बने ‘इंडिया हाउस’ की प्रतिकृति है। वर्मा ने इंग्लैंड में पढने वाले भारतीय छात्रों के आधार के रूप में ‘इंडिया हाउस’ स्थापित किया था।
 
तीन दिवसीय डीजी सम्मेलन के उद्घाटन के लिए यहां आए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कई वर्षों से सम्मेलन दिल्ली में ही होता था। चीजें बदली हैं, पिछले साल यह गुवाहाटी में हुआ और अब यह धोर्दो (कच्छ) में आयोजित हो रहा है। (भाषा)