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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : शनिवार, 19 मई 2018 (20:34 IST)

मोदी ने रखी 6,800 करोड़ की सुरंग की आधारशिला, 3.30 घंटे की दूरी 15 मिनट में तय होगी

मोदी ने रखी 6,800 करोड़ की सुरंग की आधारशिला, 3.30 घंटे की दूरी 15 मिनट में तय होगी - Narendra Modi
जम्मू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशिया की सबसे लंबी और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग की शनिवार को आधारशिला रखी। यह सुरंग श्रीनगर, कारगिल और लेह के बीच सभी मौसमों में संपर्क मुहैया कराएगी। लेह, कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों के एकदिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने लेह में बौद्ध आध्यात्मिक गुरु 19वें कुशक बाकुला रिनपोछे की 100वीं जयंती के समापन समारोह में भी भाग लिया। इस सुरंग के निर्माण से जोजिला दर्रे को पार करने का समय 3.30 घंटे से घटकर मात्र 15 मिनट रह जाएगा।
 
 
जोजिला दर्रा श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और सर्दियों में भारी हिमपात के कारण यह बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर से सड़क संपर्क टूट जाता है। इस परियोजना में 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का लक्ष्य है जिसमें दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही होगी।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर राज्य में कृषि विकास के लिए अपार संभावनाएं हैं। बात जब संपूर्ण स्वास्थ्य के क्षेत्र में मदद करने की हो तो यह राज्य एक अहम भूमिका अदा कर सकता है। श्रीनगर से 450 किलोमीटर उत्तर में स्थित लेह में मोदी इससे पहले 12 अगस्त 2014 को आए थे और तब उन्होंने एक जल विद्युत परियोजना का शुभारंभ किया था।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीनगर के किशनगंगा हाइड्रोपॉवर स्टेशन को भी देश को समर्पित किया। इस मौके पर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी मौजूद रहीं। यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ईकोसिस्टम के लिए काम कर रही है, जो पर्यटन के विकास के लिए आवश्यक है। मजबूत ईकोसिस्टम से जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
 
मोदी का पत्थरबाजों से आग्रह : वहीं पीएम ने पत्थरबाजों और आतंकवाद के रास्ते में भटके युवाओं के लिए कहा कि शांति और स्थिरता के लिए कोई विकल्प नहीं है। मैं रास्ता भटके युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे मुख्य धारा में लौट आएं। मुख्य धारा उनके माता-पिता और उनका परिवार है। मुख्य धारा जम्मू-कश्मीर के विकास में उनका योगदान है।
 
मेहबूबा ने कहा- शुक्रिया मोदीजी : इस अवसर पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रमजान के महीने में एकतरफा सीजफायर की घोषणा के लिए पीएम का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की आभारी हूं कि उन्होंने हमारे बारे में सोचा और रमजान के दौरान कश्मीर में एकतरफा सीजफायर की घोषणा की। हमें उम्मीद थी कि हमें पाक से भी यही प्रतिक्रिया मिलेगी, लेकिन दुर्भाग्यवश हमें यह नहीं मिला।
 
जम्मू में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए प्रधानमंत्री यहां जम्मू रिंगरोड की भी आधारशिला रखी। इसके तहत 58.25 किमी लंबी रिंग रोड बनाई जाएगी। फोर लेन की इस रिंग रोड की लागत 2,023 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह पश्चिमी जम्मू के जागती को राया मोड़ से जोड़ेगी। जानकारी के मुताबिक इस रिंगरोड में 8 बड़े ब्रिज, 6 फ्लाईओवर, 2 टनल व 4 डक्ट का निर्माण किया जाएगा।
 
क्या है खास जोजिला सुरंग में : 7 वर्ष में पूरी होने वाली 14.5 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर 6,809 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। जोजिला सुरंग श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जोजिला पास के नजदीक बनेगी। यह समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
 
हर साल दिसंबर-अप्रैल के दौरान यहां इतनी भारी बर्फबारी व हिमस्खलन होता है कि लेह-लद्दाख क्षेत्र का जम्मू-श्रीनगर से संपर्क पूरी तरह कट जाता है। जोजिला सुरंग का निर्माण होने के बाद इस मार्ग पर साल के 365 दिन चौबीसों घंटे वाहनों की आवाजाही संभव हो सकेगी। पाकिस्तान सीमा से सटे होने के कारण यह सड़क रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लिहाजा सुरंग बनने से सेना के लिए भी आसानी हो जाएगी।
 
जोजिला सुरंग एनएच-1ए पर 95 किमी मील पत्थर को और 118 किमी मील पत्थर को सीधे जोड़कर दूरी को काफी कम कर देगी। यह भारत व एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग होगी। यह 2 लेन वाली दुतरफा सिंगल ट्यूब सुरंग होगी जिसके समानांतर एक अन्य एंग्रेस सुरंग का निर्माण आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा। परियोजना का कार्यान्यवन एनएचआईडीसीएल द्वारा किया जाएगा।
 
जोजिला सुरंग पर अगले साल जून से काम शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में इसी सड़क पर गगनगीर में 6.5 किलोमीटर जेड मोड सुरंग का निर्माण तेजी से हो रहा है। इन दोनों सुरंगों के पूरा होने के बाद कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों का आपस में बारहमासी सड़क संपर्क शुरू हो जाएगा। दोनों परियोजनाओं से क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
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