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Last Modified: बुधवार, 1 फ़रवरी 2023 (00:18 IST)

मोरबी ब्रिज हादसा : मरम्मत करने वाली कंपनी के बॉस ने कोर्ट में किया सरेंडर

मोरबी ब्रिज हादसा : मरम्मत करने वाली कंपनी के बॉस ने कोर्ट में किया सरेंडर - Morbi Bridge accident: Repair companys boss surrenders in court
मोरबी। पिछले साल मोरबी में पुल टूटने की घटना में आरोपी ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल ने एक अदालत में आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने बताया कि पटेल को शाम में गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले साल 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी शहर में पुल के टूट जाने से कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
 
पटेल की कंपनी पर पुल के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी थी। पटेल ने मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) एमजे खान की अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अदालत ने कारोबारी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया और इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
 
मोरबी के पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने कहा कि अदालत द्वारा हिरासत की अनुमति दिए जाने के बाद हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। हम उचित समय पर उनकी हिरासत का अनुरोध करेंगे।’’
 
पुलिस द्वारा 27 जनवरी को दाखिल आरोप पत्र में पटेल को दसवें आरोपी के रूप में नामजद किया गया था। अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के झूलता पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार थी, जो मरम्मत के कुछ दिनों बाद पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था।
 
जैसे ही ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे, अदालत के बाहर एकत्र पीड़ितों के नाराज परिजन उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आत्मसमर्पण के बाद पटेल को चिकित्सीय जांच के लिए ले जाया गया।
 
मोरबी के पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने कहा कि जयसुख पटेल ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हम जल्द ही अदालत से उनकी हिरासत मांगने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। आत्मसमर्पण के बाद पटेल को चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाया गया।
 
सीजेएम की अदालत में पुलिस उपाधीक्षक पी एस जाला द्वारा दाखिल 1,200 से अधिक पन्नों के आरोप पत्र में, पटेल का जिक्र दसवें आरोपी के रूप में किया गया था। उन्होंने गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी।
 
पुल टूटने की घटना के एक दिन बाद 31 अक्टूबर को पुलिस ने मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें ओरेवा समूह के दो प्रबंधक, टिकट बेचने वाले दो क्लर्क, पुल की मरम्मत करने वाले दो उप-ठेकेदार और भीड़ प्रबंधन करने वाले तीन सुरक्षा गार्ड थे।
 
पटेल सहित सभी दस आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 336 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाला कृत्य), 337 (लापरवाह कृत्य से किसी को चोट पहुंचाना) और 338 (लापरवाह कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत आरोप लगाया गया था।
 
जांच रिपोर्ट से यह भी पता चला कि अहमदाबाद के ओरेवा समूह ने मरम्मत और नवीनीकरण कार्य के बाद लोगों के लिए खोलने से पहले पुल की भार वहन क्षमता का आकलन करने के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त नहीं किया था। भाषा Edited By : Sudhir Sharma