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Last Modified: श्रीनगर , सोमवार, 15 अगस्त 2016 (13:14 IST)

कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश के दौरान ध्वज नीचे गिरा

कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कोशिश के दौरान ध्वज नीचे गिरा - Mehbooba Mufti 70th Independence Day
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के लिए सोमवार को उस वक्त शर्मिंदगी की स्थिति पैदा हो गई जब बक्शी स्टेडियम में हो रहे मुख्य समारोह में उन्होंने तिरंगा फहराने की कोशिश की लेकिन वह ध्वज स्तंभ से नीचे गिर गया।
मुख्यमंत्री के तौर पर महबूबा पहली बार ध्वजारोहण कर रही थीं। जब उन्होंने उपर ध्वज स्तंभ में लगी रस्सी खींची तो ध्वज ही नीचे गिर गया। इस शर्मिंदगी वाली स्थिति के बीच दो सुरक्षाकर्मियों ने महबूबा के सलामी देने तक अपने हाथों में ध्वज पकड़े रखा।
 
जब महबूबा पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों के निरीक्षण के लिए मंच पर गईं तो सुरक्षा विभाग के लोगों ने झंडे को ध्वज स्तंभ के उपर लगाया। बक्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस का प्रमुख समारोह आयोजित किया गया था।
 
इस अवसर पर महबूमा मुफ्ती ने कहा की बंदूक से कोई मसला हल नहीं होता उन्होंने कहा कि लोग फौज से नहीं पत्थरबाजों से डरते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अगर हमें अपनी समस्याओं का हल नहीं मिल सकता तो दुनिया की कोई बंदूक हमें हल नहीं दिला सकती। उन मुल्कों को देखें जहां लोग लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे थे। पुरी दुनिया उनकी हिमायत कर रही थी लेकिन जब उनमें बंदूक, ग्रेनेड, आतंकवाद, पेट्रोल बम घुस गया तो वहां की तस्वीर बदल गई। 
 
आजादी की सालगिरह के अवसर पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद ने अलगाववादियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बन्दूक से कोई मसला हल नहीं होता। हाल के दिनों में जो हिंसा की घटनाएं हुई हैं उनमें आम नागरिको के साथ ही जवान भी घायल हुए हैं। इससे साफ है कि नागरिकों का पूरा ख्याल रखा गया है।
 
सीएम ने कहा कि पहले लोग सुरक्षाबलों से डरते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब लोग पत्थर बाजों से डरते हैं। उन्होंने कहा कुछ लोग बच्चों को आगे करके पीछे से हमले कर रहे है। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कहीं सेना के जवानों या पुलिस वालो की ज्यादती का मामला आया तो उनसे भी जवाब लिया जाएगा।
 
मेहबूबा ने अपने भाषण में विश्वास जताया कि जो काम अटल बिहारी वाजपेयी ने अधूरा छोड़ दिया था, उसे पीएम मोदी जरूर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में रियासत का कोई झगड़ा नहीं है। कश्मीरी देश के दूसरे हिस्से के लोगों पर पूरा यकीन करते है। अगर ऐसा नहीं होता तो वो अपने बच्चों को दूसरे राज्यों में पढ़ने नहीं भेजते। (भाषा)
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