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Last Modified: बेंगलुरु-बेलगावी , गुरुवार, 2 जुलाई 2015 (00:48 IST)

लोकायुक्त के पुत्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

लोकायुक्त के पुत्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज - Karnataka Lokayukta
बेंगलुरु-बेलगावी। कर्नाटक के लोकायुक्त भास्कर राव के पुत्र के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी मामले के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मुद्दे की गूंज विधानसभा में भी सुनाई पड़ी और लोकायुक्त को हटाए जाने का दबाव बढ़ गया।
 
उप लोकायुक्त सुभाष आदि ने बताया कि प्राथमिकी उस शिकायत के आधार पर दायर की गई जिसमें एक अधिशासी अभियंता से छापेमारी से बचने के लिए एक करोड़ रुपए की रिश्वत देने को कहा गया था।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या लोकायुक्त के पुत्र को गिरफ्तार किया जाएगा? उन्होंने कहा कि यह संस्था की पुलिस अधीक्षक सोनिया नारंग पर निर्भर करेगा, जिन्होंने इस कथित घोटाले का पर्दाफाश किया।
 
यह कथित घोटाला तब सामने आया जब नारंग ने लोकायुक्त रजिस्ट्रार को एक पत्र लिखकर एक अधिशासी अभियंता से मिली शिकायत के बारे में उन्हें बताया। अधिशासी अभियंता ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त कार्यालय में से किसी ने छापेमारी से बचने के लिए उनसे एक करोड़ रुपए की रिश्वत की मांग की।
 
चूंकि विपक्ष और विभिन्न संगठनों ने सीबीआई जांच के लिए दबाव बढ़ा दिया तो सरकार ने कहा कि वह इस मामले को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंप सकती है जब तक लोकायुक्त खुद इसके लिए नहीं कहे।
 
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में कहा, ‘यह (लोकायुक्त) अधिनियम 1985 में बना.. हम लोकायुक्त अधिनियम की धारा 15 उपधारा तीन के तहत इसे सीबीआई को नहीं सौंप सकते..।’ गौरतलब है कि विधानसभा का मानसून सत्र बेलगावी में चल रहा है।
 
उन्होंने कहा कि लोकायुक्त द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के तहत की गई अनुशंसा के अनुसार एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी कमल पंत की अध्यक्षता में विशेष जांच दल का गठन किया गया है। पंत इससे पहले सीबीआई के लिए काम कर चुके हैं।
 
सिद्धारमैया ने कहा, ‘एसआईटी रिपोर्ट आने तक हम इंतजार नहीं कर सकते।’ इस बीच, सरकार विधि विशेषज्ञों और अन्य लोगों से लोकायुक्त अधिनियम को मजबूत बनाने पर सलाह लेगी।
 
भाजपा ने तब सदन से बहिर्गमन किया जब सरकार मामले को सीबीआई को सौंपने पर सहमत नहीं हुई। यह मांग जद (एस) ने भी की।
 
राव के इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ गया क्योंकि अधिवक्ताओं, कन्नड़ संगठनों और अन्य निकायों समेत विभिन्न संगठनों ने इस बात पर जोर देते हुए प्रदर्शन किया कि उनका पद पर बने रहना संस्था की विश्वसनीयता को प्रभावित करेगा।
 
गृह मंत्री के जे जॉर्ज ने बेलगावी में संवाददाताओं से कहा, ‘हमारे पास लोकायुक्त के खिलाफ स्वत: जांच करने की शक्ति नहीं है। लोकायुक्त ने एसआईटी गठित करने का एक अनुरोध भेजा है। उस अनुरोध के आधार पर मुख्यमंत्री ने एडीजीपी के तहत एक एसआईटी का गठन किया है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘हम खुद से इसे नहीं कर सकते क्योंकि यह (लोकायुक्त) एक वैधानिक निकाय है। हम (एसआईटी पर लोकायुक्त) के अनुरोध पर आगे बढ़े हैं।’ इस बीच, राव ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे बल्कि 100-150 फीसदी पद छोड़ देंगे अगर उनके परिवार का कोई सदस्य एसआईटी जांच में दोषी पाया जाता है। (भाषा)