Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 28 नवंबर 2015 (16:05 IST)
जन लोकपाल : प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर साधा निशाना
नई दिल्ली। मशहूर वकील और किसी समय अरविंद केजरीवाल के सहयोगी रहे प्रशांत भूषण ने शनिवार को केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अन्ना आंदोलन के जन लोकपाल मसौदे के प्रावधानों को कमजोर करके लोगों को सबसे बड़ा धोखा दे रहे हैं। इस बीच शांति भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
भूषण ने मसौदा विधेयक, जिसे अभी दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया है, के कुछ प्रावधान पढ़े। उन्होंने दावा किया कि टकराव को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के मंत्रियों और अधिकारियों को ‘जान-बूझकर’ प्रस्तावित विधेयक के दायरे में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को भी मोदी की तरह सवाल किया जाना पसंद नहीं है लिहाजा उन्होंने विधेयक का ब्योरा सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया।
आप के पूर्व नेता ने कहा कि भारत के इतिहास में किसी कार्यकर्ता अथवा आंदोलन ने इस तरह से लोगों के साथ धोखा नहीं किया है। इससे सिर्फ यही होगा कि केंद्र सरकार इसे मंजूरी नहीं देगी और विधेयक कभी पारित नहीं होगा। केजरीवाल की एक मजबूत लोकपाल बनाने की मंशा कभी नहीं रही।
आप के असंतुष्ट विधायक पंकज पुष्कर भी इस मौके पर भूषण के नोएडा स्थित आवास पर उपस्थित थे। उन्होंने दावा किया कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का सदस्य होने की हैसियत से वे विधेयक की एक प्रति हासिल करने में सफल रहे।
भूषण ने विधेयक में उल्लिखित लोकपाल की नियुक्ति और हटाने की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाया जिसे हाल ही में आप कैबिनेट ने मंजूरी दी। उनका कहना था कि इससे लोकपाल को नगर सरकार के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है।
विधेयक कथित रूप से कहता है कि मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वाली 4 सदस्यीय चयन समिति लोकपाल की नियुक्ति करेगी जबकि विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत से मंजूर होने वाले प्रस्ताव के जरिए लोकपाल को हटाया जा सकेगा। (भाषा)