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Last Modified: गंदेरबल , शुक्रवार, 21 नवंबर 2014 (16:36 IST)

जम्मू-कश्मीर चुनाव : गंदेरबल में त्रिकोणीय मुकाबला

जम्मू-कश्मीर चुनाव : गंदेरबल में त्रिकोणीय मुकाबला - Jammu Kashmir election
गंदेरबल (जम्मू-कश्मीर)। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के गंदेरबल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस का पारंपरिक गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर पीडीपी, नेकां और एक निर्दलीय के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।
 
पीडीपी के काजी मुहम्मद अफजल, नेकां के शेख इशफाक जब्बार और निर्दलीय के तौर पर किस्मत आजमा रहे शेख गुलाम अहमद सलूरी के बीच चुनावी मुकाबला है।
 
‘पीडीपी लहर’ से आस लगाए काजी को घाटी में फतह पर यकीन है। राज्य के पिछले चुनावों की तुलना में पार्टी को यहां पर बेहतर संभावनाएं नजर आ रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि मुझे 100 फीसदी भरोसा है कि लोग बदलाव चाहते हैं। मैं अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हूं, क्योंकि नेकां की ओर से विकास और रोजगार को लेकर वादे नहीं निभाने के कारण लोग पार्टी (नेकां) को नापसंद करते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि लोगों ने नेकां को हराने का मन बना लिया है और उमर ने यह भांप लिया, यही कारण है कि उन्होंने यहां से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। अलबत्ता काजी को जहां मुकाबले में आगे माना जा रहा है, वहीं मैदान में सलूरी के आने से मुकाबला रोचक हो गया है, क्योंकि विधानसभा क्षेत्र के कई भागों में उनकी पकड़ है।
 
23 दिसंबर को इसका फैसला हो जाएगा कि क्या नेशनल कांफ्रेंस यहां अपना किला सुरक्षित रख पाती है या फिर इसे गंवाती है।
 
उमर के दादा और नेकां के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला मुख्यधारा की राजनीति में आए और 1975 में गंदेरबल से चुनाव लड़ा। उस समय कांग्रेस के तत्कालीन विधायक मोहम्मद मकबूल भट ने उनके लिए सीट खाली की थी। शेख उपचुनाव जीतकर राज्य के मुख्यमंत्री बने और फिर इस क्षेत्र से उनके परिवार का नाता जुड़ गया। 2 साल बाद शेख ने यहां पर फिर जीत हासिल की।
 
शेख के निधन के बाद उनके बेटे और उमर के पिता फारुक अब्दुल्ला ने 1983, 1987 और 1996 में चुनाव लड़ा और हर बार जीत हासिल की।
 
उमर ने जब राजनीति में प्रवेश किया और पार्टी की बागडोर संभाली तो उन्होंने भी शुरुआत के लिए गंदेरबल सीट को चुना। हालांकि 2002 में पीडीपी के काजी मुहम्मद अफजल से वह चुनाव हार गए।
 
इस हार का बदला लेते हुए उन्होंने 2008 में काजी को गंदेरबल से चुनाव हरा दिया और राज्य के मुख्यमंत्री बने, पर इस बार उमर बीरवाह से चुनाव लड़ रहे हैं।
 
गंदेरबल के साथ 14 अन्य क्षेत्रों में पहले चरण में चुनाव हो रहा है। 5 चरण का विधानसभा चुनाव 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। (भाषा)