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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : शनिवार, 25 अक्टूबर 2014 (12:39 IST)

जम्मू सीमा पर अब होगा ‘घमासान’, पिसेंगे सीमावासी

जम्मू सीमा पर अब होगा ‘घमासान’, पिसेंगे सीमावासी -
जम्मू कश्मीर। आने वाले दिन जम्मू सीमा पर रहने वालों के लिए भयंकर और भारी साबित होने जा रहे हैं। अगर राज्य सरकार पाक गोलाबारी से सीमावासियों को बचाने की खातिर बंकरों का निर्माण करना चाहती है तो पाकिस्तान ऐसे बंकरों के निर्माण को रुकवाने पर आमदा है। इसके लिए उसने अब सीधे तौर पर धमकी देते हुए सीमा पर ‘मुहंतोड़ और जबरदस्त’ गोलाबारी की बात कही है।
 
वैसे तो यह पहला मौका नहीं है कि पाकिस्तान ने जम्मू सीमा पर बंकरों के निर्माण पर आपत्ति उठाई हो पर यह पहला अवसर है कि उसने सीजफायर के दौरान ऐसी धमकी देकर सीमावासियों को दहशतजदा कर दिया है। याद रहे अगले महीने की 26 तारीख को जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर जारी 
सीजफायर 12 साल पूरे करने जा रहा है। दरअसल पिछले कुछ महीनों से जम्मू सीमा, जो इंटरनेशन बॉर्डर है, पर पाक सेना जबरदस्त गोलाबारी  कर मासूम नागरियकों को पलायन के लिए मजबूर कर चुकी है। पाक गोलाबारी 198 किमी लंबे 
 
इंटरनेशनल बॉर्डर पर 10 लोगों की जानें ले चुकी है और सैंकड़ों मकानों को धराशाई कर चुकी है।  सैंकड़ों बेजुबान पशु भी इस दौरान मारे जा चुके हैं।
पाक गोलाबारी के कारण सिर्फ जम्मू सीमा के विभिन्न इलाकों से 60 हजार लोग पलायन कर राहत  शिविरों के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लिए हुए हैं। इन शरणार्थियों की हालत यह है  कि वे न ही अपने खेतों में जा पा रहे हैं और न ही अपने घरों में।
 
अब पाकिस्तान की नई धमकी के कारण उनका अपने खेतों और घरों में वापस लौटने का सपना टूटता  नजर आने लगा है। पाकिस्तान ने जम्मू के इंटरनेशल बॉर्डर पर बंकरों के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए धमकी दी है कि अगर भारत ने जम्मू सीमा पर बंकरों का निर्माण किया तो भयानक तबाही होगी। इस धमकी के पीछे वह तर्क देता है कि जम्मू का बॉर्डर वर्किंग बाउंडरी है और वर्ष 2010 में हुए 
 
समझौते के तहत 500 मीटर के भीतर कोई निर्माण नहीं हो सकता जबकि बंकरों का निर्माण गांवों के  भीतर होने जा रहा है जो जीरो लाइन से 500 मीटर से 3 किमी पीछे हैं।  हालांकि वर्ष 1995 में जब जम्मू सीमा पर तारबंदी का कार्य आरंभ हुआ था तो उस समय भी बंकरों के निर्माण पर आपत्ति करते हुए पाकिस्तानी सेना ने जबरदस्त गोलाबारी कर सीमांत क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी। नतीजतन स्थिति यह है कि 198 किमी लंबी जम्मू सीमा पर रहने वाले लाखों लोगों की जिंदगी  बदहाल होने जा रही है जो घरों को छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं उनकी घर वापसी अब  मुश्किल लगने लगी है।
 
आरएस पुरा के एक शरणार्थी शिविर में रह रहे दयाल सिंह का कहना था कि अब तो युद्ध ही एकमात्र  हल है इस समस्या का। दर्शन सिंह का घर पाक गोलाबारी के कारण ढह चुका है परिवार के एक  सदस्य की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान की ताजा धमकी के बाद सीमा पर सतर्कता को बढ़ाया गया है। साथ ही अतिरिक्त जवानों  को तैनात करने का कार्य तेज किया जा चुका है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक सेना को भी अलर्ट रहने के  लिए कहा गया है और रक्षा खाई पर सेना की तैनाती भी की जाने लगी है। ऐसी ही तैनाती संसद पर  हुए आतंकी हमले के बाद सीमाओं पर बने तनाव के समय की गई थी। हालांकि उस समय युद्ध तो  हुआ नहीं था पर सीमावासियों को जो तबाही सहन करनी पड़ी थी उसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।